Roti Shayari: दोस्तों आज मैं आप लोगों के लिए रोटी पर शायरी लेकर आया हूं या फिर यूं कहे की रोटी स्टेटस टेक्स्ट एसएमएस आदि।
दोस्तों यहां पर हम रोटी की कीमत दोस्तों यहां पर हम रोटी की कीमत और रोटी से रिलेटेड जितने भी शायरियां स्टेटस आदि बनते हैं।
वह सब यहां पर आप लोगों को मिल जाएंगे दाल रोटी से रिलेटेड शायरी मेहनत की रोटी गरीब की रोटी भूखे बच्चे पर शायरी आज ही का संपूर्ण भंडारण यहां पर मौजूद है।
यहां पर आप लोगों को टेक्स्ट के साथ-साथ इमेजेस भी मिल जाएगी वह भी शायरी के साथ।
रोटी पर शायरी
सुखी रोटी को भी बाँट कर खाते हुये देखा मैंने,
सड़क किनारे वो भिखारी शहंशाह निकला।
Sukhee Rotee Ko Bhee Baant Kar Khaate Huye Dekha Mainne,
Sadak Kinaare Vo Bhikhaaree Shahanshaah Nikala.
कतार बहुत लम्बी थी इस लिए सुबह से रात हो गयी,
ये दो वक़्त की रोटी आज फिर मेरा अधूरा ख्वाब हो गयी।
Kataar Bahut Lambee Thee Is Lie Subah Se Raat Ho Gayee,
Ye Do Vaqt Kee Rotee Aaj Phir Mera Adhoora Khvaab Ho Gayee.
फेंक रहे हो तुम खाना क्योंकि आज रोटी थोड़ी सुखी हैं।
थोड़ी इज्जत से फेंकना साहब मेरी बेटी कल से भूखी हैं।
Phenk Rahe Ho Tum Khaana Kyonki Aaj Rotee Thodee Sukhee Hain.
Thodee Ijjat Se Phenkana Saahab Meree Betee Kal Se Bhukhi Hain.
गरीब के गुनाहों का हिसाब क्या खुदा लेगा,
जिसने गिन-गिन कर पूरी जिन्दगी रोटी खाई हो।
Gareeb Ke Gunaahon Ka Hisaab Kya Khuda Lega,
Jisane Gin-gin Kar Pooree Jindagee Rotee Khaee Ho.
वो राम की खिचड़ी भी खाता है,
रहीम की खीर भी खाता है।
वो भूखा है जनाब उसे,
कहाँ मजहब समझ आता है।
Vo Raam Kee Khichadee Bhi Khaata Hai,
Raheem Kee Kheer Bhee Khaata Hai.
Vo Bhookha Hai Janaab Use,
Kahaan Majahab Samajh Aata Hai.
अमीरी नशा करके पड़ा है कचरे के ढेर में,
गरीबी रोटी ढूँढने निकला है कचरे के ढेर में।
Ameeree Nasha Karake Pada Hai Kachare Ke Dher Mein,
Gareebee Rotee Dhoondhane Nikala Hai Kachare Ke Dher Mein।
इक गरीब दो रोटी में पूरा जीवन गुजार देता है,
वो ख्वाहिशों को पालता नहीं है… उन्हें मार देता है।
Ik Gareeb Do Rotee Mein Poora Jeevan Gujaar Deta Hai,
Vo Khvaahishon Ko Paalata Nahin Hai… Unhen Maar Deta Hai.
उस मासूम की रोटी की आखिरी उम्मीद तब टूटी,
जब बड़े साहब ने चढ़ा कर सीसा कार आगे बढ़ा दी।
Us Maasoom Kee Rotee Kee Aakhiree Ummeed Tab Tootee,
Jab Bade Saahab Ne Chadha Kar Seesa Kaar Aage Badha Dee.
roti quotes in hindi
रोटी कमाना बड़ी बात नही है,
परिवार के साथ बैठकर खाना बड़ी बात है।
Rotee Kamaana Badee Baat Nahee Hai,
Parivaar Ke Saath Baithakar Khaana Badee Baat Hai.
माँ के हाथ की रोटी शायरी
जब घर में खुश होती है माँ बहू और बेटियाँ,
तभी घर में मिलती है सुकून की रोटियाँ।
Jab Ghar Mein Khush Hotee Hai Maa Bahoo Aur Betiyaan,
Tabhee Ghar Mein Milatee Hai Sukoon Kee Rotiyaan.
माँ के हाथों से बनी रोटी बहुत याद आती है,
जब अपने हाथों से रोटी बनानी पड़ जाती है।
Maa Ke Haathon Se Banee Rotee Bahut Yaad Aatee Hai,
Jab Apane Haathon Se Rotee Banaanee Pad Jaatee Hai.
पूछा माँ से प्यार क्या है !
तू, मैं, तेरे भाई और पिता, दाल -रोटी और एक छत।
Poochha Maa Se Pyaar Kya Hai ! Too,
Main, Tere Bhaee Aur Pita, Daal -rotee Aur Ek Chhat.
भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ ,
अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती ।
Bhookh To Ek Rotee Se Bhee Mit Jaatee Maan ,
Agar Thaalee Kee Vo Ek Rotee Tere Haath Kee Hotee .
तलाश रोटी के सफर में मुझसे दूर मत होना माँ ,
बताऊंगा भूख को की तू मेरी माँ से बढ़कर नही ।
Talaash Rotee Ke Saphar Mein Mujhase Door Mat Hona Maan ,
Bataoonga Bhookh Ko Kee Too Meree Maan Se Badhakar Nahee .
पिता को दिनभर चलाती रही ये रोटी ,
माँ को दिन भर थकाती रही ये रोटी ,
बच्चो को दूर शहर नचाती रही ये रोटी ,
ना जाने क्या-क्या कमाल दिखाती रही ये रोटी ।
Pita Ko Dinabhar Chalaatee Rahee Ye Rotee ,
Maan Ko Din Bhar Thakaatee Rahee Ye Rotee ,
Bachcho Ko Door Shahar Nachaatee Rahee Ye Rotee ,
Na Jaane Kya-kya Kamaal Dikhaatee Rahee Ye Rotee .
आजकल रोटी के पीछे भागता हूँ ,
तो याद आता है मुझे ,मेरा बचपन जब ,
रोटी खिलाने के लिए माँ मेरे पीछे भागती थी।
Aajakal Rotee Ke Peechhe Bhaagata Hoon ,
To Yaad Aata Hai Mujhe ,mera Bachapan Jab ,
Rotee Khilaane Ke Lie Maan Mere Peechhe Bhaagatee Thee.
roti status
प्रेम का अर्थ मुझे उस वक्त समझ में आया ,
जब माँ ने आधा रोटी भी बांट कर खाया ।
Prem Ka Arth Mujhe Us Waqt Samajh Mein Aaya ,
Jab Maan Ne Aadha Rotee Bhee Baant Kar Khaaya .
तेरी टिफन की वो दो रोटि कही पे बिकती नही,
माँ मेंहगे ढाबो में आज भूख मिटती नही।
Teree Tiphan Kee Vo Do Roti Kahee Pe Bikatee Nahee,
Maan Menhage Dhaabo Mein Aaj Bhookh Mitatee Nahee.
जब एक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पांच ,
तब मुझे भूख नही है ,
ये कहने वाली सिर्फ माँ होती है ।
Jab Ek Rotee Ke Chaar Tukade Ho Aur Khaane Vaale Paanch ,
Tab Mujhe Bhookh Nahee Hai ,
Ye Kahane Vaalee Sirph Maan Hotee Hai .
तन जलाकर रोटींया पकाती है माँ ,
नादान बच्चे आचार पर रूठ जाते है ।
Tan Jalaakar Roteenya Pakaatee Hai Maan ,
Naadaan Bachche Aachaar Par Rooth Jaate Hai .
माँ मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है ,
अपने हाथों को चुल्हे में जलाना याद आता है ।
Maan Meree Khaatir Tera Rotee Pakaana Yaad Aata Hai ,
Apane Haathon Ko Chulhe Mein Jalaana Yaad Aata Hai .
तुम क्या सिखाओगे मुझे ,
प्यार करने का सलीका ,
मैने माँ के एक हाथ से थप्पड़ ,
दूसरे से रोटी खाई है ।
Tum Kya Sikhaoge Mujhe ,
Pyaar Karane Ka Saleeka ,
Maine Maan Ke Ek Haath Se Thappad ,
Doosare Se Rotee Khaee Hai .
तेरी डिब्बे की वो दो रोटियां कही बिकती नही ,
माँ मेंहगे होटलो में आज भी भूख नही मिटती ।
Teree Dibbe Kee Vo Do Rotiyaan Kahee Bikatee Nahee ,
Maan Menhage Hotalo Mein Aaj Bhee Bhookh Nahee Mitatee .
दो वक्त की रोटी शायरी
बिकते देखे है यहां जिंदगी अमीरों के हाथों में ,
कही गरीब इंसान के लिए दो वक्त का खाना और
अनाज और कपड़े खरीदना मुश्किल होता जा रहा है ।
Bikate Dekhe Hai Yahaan Jindagee Ameeron Ke Haathon Mein ,
Kahee Gareeb Insaan Ke Lie Do Vakt Ka Khaana Aur Anaaj Aur
Kapade Khareedana Mushkil Hota Ja Raha Hai .
जले पे नमक तो सब लगाने आयेंगे लेकिन,
रोटी पे मक्खन कोई नहीं लगाता है।
Jale Pe Namak To Sab Lagaane Aayenge Lekin,
Rotee Pe Makkhan Koee Nahin Lagaata Hai.
मसीहा के नाम पर लोगों को लूटने वालो, कभी किसी ,
जरूरतमंद इंसान को दो वक्त की रोटी खिला के देख,
उसकी भूख मिट जाएगी और तुम्हें दुवाये मिल जाएगी।
Maseeha Ke Naam Par Logon Ko Lootane Vaalo, Kabhee Kisee ,
Jarooratamand Insaan Ko Do Vakt Kee Rotee Khila Ke Dekh,
Usakee Bhookh Mit Jaegee Aur Tumhen Duvaaye Mil Jaegee.
जिन्दगी बीत जाती है दो वक्त की रोटी कमाने में,
पर पेट भी ढंग से नही भरता इस महँगाई के जामने में.
Jindagee Beet Jaatee Hai Do Vakt Kee Rotee Kamaane Mein,
Par Pet Bhi Dhang Se Nahee Bharata Is Mahangaee Ke Jaamane Mein.
जज्बातों को उसने दौलत से तोल दिया,
जब वो दो वक्त की रोटी की कीमत बोल दिया।
Jajbaaton Ko Usane Daulat Se Tol Diya,
Jab Vo Do Vakt Kee Rotee Kee Keemat Bol Diya.
ख्वाहिशों की कतार बड़ी लम्बी है,
दो वक्त की रोटी मिलना आसान नहीं।
कुछ इस कदर अब अपने जीमर जगाएँ,
कि मेहनत करके दो वक्त की रोटी कमाएँ।
गरीब की चाहत ,
दो वक्त की रोटी और चैन हो ,
हमारी भी किस्मत में हो ,
और तुम्हारी भी किस्मत में हो ।
garib ki roti
क्या ताजा क्या बासी ,
ठंडा हो या गर्म ,
दो वक्त की रोटी मिली ,
खुदा का है करम ।
खुदा की रहमत सभी पर बरसे ,
दो वक्त की रोटी के लिए कोई न तरसे ।
कतार बड़ी लम्बी थी ,
के सुबह से रात हो गयी ,
ये दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा
अधूरा ख्वाब हो गई ।
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मिसाल बन गई उसकी गरीबी जमाने के लिए वो डबल रोटी बेचती है ,
दो वक्त की रोटी कमाने के लिए ।
दो वक्त की रोटी कभी दो वक्त के लाले ,
गरीब की तकदीर में क्या बसा ए मोहब्बत क्या आरजू
ए निवाला ।
जिन्दगी लगे भरम ,
जिन्दा रहना अहम ,
दो वक्त की रोटी किस्मत
दे करम…
दो वक्त की रोटी कमाता हूँ ,
दो वक्त भगवान की पूजा करता हूँ ,
इससे ज्यादा मेरी जरूरत नही
और मुझे खरीदने की तेरी औकात नही ।
बादशाहों के सर ,
चाहे न कोई ताज हो ,
दो वक्त की रोटी को कोई न मोहताज हो ।
मिलती नही सब लोगो को ,
दो वक्त की रोटी ,
सो जाते है जमीं पर ,
कोई चिन्ता नही होती।
दो वक्त रोटी रब सबको देता है ,
फिर क्यों बन्दा दिल का दर्द सहता है ।
मिल जाये अगर सभी को ,
दो वक्त की रोटी ,
तो फिर मिले कैसे ,
पांच साल की गद्दी ।
दाल रोटी शायरी
सारे वजन उठा के देख लो ,
दाल, रोटी ही सबसे भारी है।
Saare Vajan Utha Ke Dekh Lo ,
Daal, Rotee Hee Sabase Bhaaree Hai.
अक्षरों के भिगो के थोड़े चावल,
मात्राओं की हरी दाल मिलाता हूँ,
नमक, राई, और घी के शे’रों से,
ग़ज़ल वाली खिचड़ी बनाता हूँ!!
Aksharon Ke Bhigo Ke Thode Chaaval,
Maatraon Kee Haree Daal Milaata Hoon,
Namak, Raee, Aur Ghee Ke Sheron Se,
Gazal Vaalee Khichadee Banaata Hoon!!
वो मेरा कितना ख़याल रखते हैं.
सामने मेरे बेतुके सवाल रखते हैं,
इतने आँसू पी चुका हूँ अब तक मैं
खाने में बिनौ नमक की दाल रखते हैं।
Vo Mera Kitana Khayaal Rakhate Hain.
Saamane Mere Betuke Savaal Rakhate Hain,
Itane Aansoo Pee Chuka Hoon Ab Tak Main
Khaane Mein Binau Namak Kee Daal Rakhate Hain.
वो इश्क़ ही क्या गर जुद़ाई ना मिले ,
आशिक हैं जी
Hostel की दाल नहीं जो हर रोज मिले ।॥
Vo Ishq Hee Kya Gar Judaay Na Mile ,
Aashik Hain Jee
Hostail Kee Daal Nahin Jo Har Roj Mile ..
तेरे हुस्न की दाल में पड़ने वाला तड़का हूं में,
तू भूखी लड़की; जोमैटो वाला लड़का हूं मैं।
Tere Husn Kee Daal Mein Padane Vaala Tadaka Hoon Mein,
Too Bhookhee Ladakee; Jomaito Vaala Ladaka Hoon Main.
do waqt ki roti shayari
अपना मिलन है मधुर स्वर्णिम,देखो ना चलाओ चाल प्रिये!
मैं गेंहू की रोटी हूं और तुम अरहर की दाल प्रिये !
बीवी के सामने मेरी दाल नहीं गलती।
इसलिए लीटते वक्त सब्जी ले आता हूँ।
सब्ली बहुत हैं महँगी आजकल, भाव तुम जेंसे बढ़ गया इसका,
रहने दो मत करो तकलीफ़, खा लेंगे हम दाल उबाल कर।।
मुद्दा ये नहीं है की दाल महंगी है।
दर्द ये है कि किसी की गल नहीं रही है ।।
बचपन में बहुत उड़ता था मै
पर अब दाल रोटी ने मेरे पैरों में बेड़ियाँ डाल दी हैं।
शायद कोई जिंदा ख़्वाब अपने पूरा होने की तपिश
से इनको पिघला पाएगा।
मुझे मेरी थाली में दो रोटी और दाल चाहिए ,
अच्छे दिन के लिए और कितने साल चाहिए।
बाटी में घी का ,
दाल में नीबू का ,
चूरमे में बूरे का ,
और जीवन में हीरे का ,
बड़ा ही महत्त्व है।
वो मिले भी तो भंडारे में बाल्टी पकड़े हुए ,
अब दिल माँगते या दाल ,
हाय रे मेरे हमसफर।
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