100+ Garibi Shayari In Hindi

हम इस देख में गरीब और गरीबी पर आप लोगो Garibi Shayari In Hindi देने वाले है जो की आप लोगो को पढ़ना चाहिए यह गरीबी शायरी आपके दिल को छू जाएगी और अगर आप गरीब हो तो आपको इसमें बहुत सारी चीजे पता चलेगी।

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इस ब्लॉग पोस्ट में हमने बोहोत सारे गरीबी शायरी का कलेक्शन करके रखा जो की आप लोगो ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए हालातों से लड़ना ही गरीबी है ऐसी शायरी लिखी हुए है इस पोस्ट में जो आपके दिल को छू जाएगी। की गरीबो को गरीबी कितनी सताती है।

तो दोस्तों अगर आप लोगो गरीबी शायरी पढ़ना है तो आप लोग निचे जाकर यह सारी शायरियाँ पढ़े और अपने सोशल मीडिया अकाउंट जैसे की फेसबुक इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प पर स्टोरी और पोस्ट के रूप में शेयर कर सकते हो।

Garibi Shayari In Hindi

खुद से जीतने की जिद है मुझे,
खुद को ही हराना है।
मैं भीड़ नहीं दुनीयां की,
मेरे अंदर एक जमाना है।

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गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है,
इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है।
चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे,
ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है।

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घर में चुल्हा जल सकें इसलिए,
कड़ी धूप में जलते देखा है।
हाँ मैंने ग़रीब की साँसों को,
भी गुब्बारों में बिक़ते देखा है।

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कभी एक दिन भूखा रह कर देख,
भूख क्या होती है समझ आएगी।
एक दिन गरीब बनकर तो देख,
तुझे गरीबी में भी खुशिया नज़र आएगी।

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किस्मत को खराब बोलने वालों,
कभी किसी गरीब के पास बैठकर,,
पूछना जिंदगी क्या है।

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मैं क्या महोब्बत करूं किसी से, मैं तो गरीब हूँ।
लोग अक्सर बिकते हैं, और खरीदना मेरे बस में नहीं।

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गरीब की उम्मीदें भी चूर हो जाती हैं,
जब रोटी के लाले पेट में शोर मचाते हैं।

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वो गरीबी हर रोज मरता रहा,
सर नगीने जड़ा ताज सजता रहा।

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खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा,
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा।

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बहुत जल्दी सीख लेता हूँ,
जिंदगी का सबक गरीब बच्चा हूँ,,
बात-बात पर जिद नहीं करता।

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गरीबी शायरी हिंदी

अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है,
गरीबी जानती है,घर में बिछौने कम हैं।

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राहों में कांटे थे फिर भी वो चलना सीख गया,
वो गरीब का बच्चा था हर दर्द में जीना सीख गया।

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बड़ी बेशरम होती है ये गरीबी,
कमबख्त उमर का भी लिहाज नहीं करती।

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कुचल कुचल के न फुटपाथ को चलो इतना
यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं।

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मजबूरियाँ हावी हो जाएँ ये जरूरी तो नहीं,
थोड़े बहुत शौक तो गरीबी भी रखती है।

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वो जिनके हाथ में हर वक्त, छाले रहते है।
आबाद उन्हीं के दम पर, महल वाले रहते हैं । ।

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गरीब की तकदीर में सिर्फ़ संघर्ष लिखा है,
हाथों की लकीरों में न कोई खुशी नसीब है।

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बहुत जल्दी सीख लेता हूँ जिंदगी का सबक,
गरीब बच्चा हूँ बात-बात पर जिद नहीं करता।

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Gareebi Shayari
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गरीब बच्चे जब भी नींद मे मुस्कुराते होगें,
तय मानिये उन्हें ख्वाब रोटी के ही आते होगें।

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यूँ न झाँका करो किसी गरीब के दिल में,
वहाँ हसरतें बेलिबास रहा करती हैं।

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Garibi Shayari

ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब,
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं।

“गरीब हैं हम कोई गुनहगार तो नहीं,
मुस्कान खुद की कमाई है हमारी।
किसी पैसे वाले का उधार नहीं,
हम गरीब हैं पर मजबूर हरगिज नहीं।

एक ज़िंदगी सड़कों पर,
एक महलों में बसर करती है।
कोई बेफिक्र सोता है कहीं,
मुश्किल से गुज़र होती है।

लक्ष्मी जी से एक ही प्रार्थना है,
धन बरसे ना बरसे पर कोई रोटी को ना तरसे।

तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है,
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है।

इतने अमीर तो नहीं कि सब कुछ खरीद ले,
पर इतने गरीब भी नहीं हुए कि खुद बिक जाएँ।

रजाई की रूत गरीबी के आँगन दस्तक देती है,
जेब गर्म रखने वाले ठंड से नही मरते।

पत्थर के भगवान को,
लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर
भूखे प्यासे लोग!!

दिल अमीर था मुकद्दर गरीब था,
अच्छे हम थें बुरा नसीब था।
कोशिश करके भी कुछ ना कर सकें,
घर जलता रहा और समन्दर भी करीब था।

गरीब हूँ तो क्या हुआ साहब,
सपने देखने का हक़ तो मेरा भी है !!

गरीबी शायरी

मेहनत की राह पर चलते रहेंगे,
गरीबी के अंधेरों को रोशनी में बदल देंगे।

अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरूर है।

मेरे हिस्से की रोटी सीधा मुझे दे दे ऐ खुदा,
तेरे बंदे तो बड़ा ज़लील करके देते हैं।

पैसों का ही खेल है जनाब इसलिए,
गरीबों को कोई नहीं पूछता।

कौन कहता हैं की,
जिन्दगी जीने में बड़ी मुश्किल है।
मैंने तो हर गरीब को बड़ी,
आसानी से जिंदगी जीते देखा है।

फ़ेंक रहे तुम खाना क्योंकि,
आज रोटी थोड़ी सूखी है।
थोड़ी इज्ज़त से फेंकना साहेब,
मेरी बेटी कल से भूखी है।

अमीर के घर बैठा कौआ भी मोर लगता है,
गरीब का भूखा बच्चा भी चोर लगता है।

नन्हें बच्चों के सवालात से डर जाता हूँ,
जेब ख़ाली हो तो मैं देर से घर जाता।

जिनके आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है।

टूट जाता है गरीबी में वो हर रिश्ता, जो खास होता है,
और बन जाते है सब रिश्तेदार जब पैसा आदमी के पास होता है।

Gareebi Shayari

दीया ‘मिट्टी का हो या सोने का ये जरूरी नहीं है,
बल्कि वह अंधेरे में उजाला’ कितना देता है ये जरूरी है।
उसी तरह दोस्त गरीब हो या अमीर यह जरूरी,
नहीं बल्कि वह आपकी मुसीबत में आपका कितना साथ देता है यह जरूरी।

गरीबी का दर्द भी अजीब होता है,
न किसी से कह सकते हैं, न सह सकते हैं।

किसी की गरीबी देखकर रिश्ता मत तोड़ना,
क्योंकि जितना मान सम्मान गरीबों के घर मिलता है,,
उतना अमीरों के घर पर नहीं मिलता।

अमीरी का हिसाब तो दिल देख के कीजिये साहेब,
वरना गरीबी तो कपड़ो से ही झलक जाती है।

तुम्हारी याद भी किसी गरीब की पूँजी जैसी है,
जिसे हम साथ रखते हैं जिसे हम रोज़ गिनते हैं।

टूट जाता है गरीबी में वोह रिश्ता जो खाश होता है,
हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है।

हम गरीब लोग है किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे,
एक मुस्कराहट थी वो भी बेवफ़ा लोगो ने छीन ली !!

शाम को थक कर टूटे झोपड़ें में सो जाता वो मजदूर,
जो शहर में ऊँची इमारते बनाता है।

हम सब मिल कर करेंगे काम।
गरीबी का होगा, काम तमाम ।।

गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है,
इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है।

Garib Shayari

मोहब्बत भी सरकारी नौकरी लगती हैं साहब,
किसी गरीब को मिलती ही नहीं ।

गरीबी बन गई तश्हीर का सबब आमिर,
जिसे भी देखो… हमारी मिसाल देता है ।

यूँ गरीब कहकर खुद
की तौहीन ना कर,
ए बंदे गरीब तो वो लोग है,
जिनके पास ईमान नहीं है।

गरीबी जब किसी को पसंद नहीं आती है तो,
गरीबों से PYAAR केसे कोई करे।

छोटे-छोटे सपने भी टूट जाते हैं,
जब गरीबी की आग में दिल जलते हैं।

घर की जिम्मेदारी होती है,
ये गरीब घर के लड़के,,
शौक नहीं पालते है।

दिखावे की जिंदगी से गरीबी बेहतर है।

हजारों दोस्त बन जाते है, जब पैसा पास होता है,
टूट जाता है गरीबी में, जो रिश्ता ख़ास होता है।।

देख लेना सरकार किसी की भी बने,
हम ऐसे ही रहेंगे।

इतना गरीब नहीं की,
खुद बिक जाऊं।

गरीबी लड़ती रही ठण्ड हवाओं से,
गौर कीजियेगा अमीरों ने कहा,,
वाह क्या मौसम आया है।

हो सके तो मरहम से गरीब के जख्म भर देना,
हाकिम कई हैं अमीरों के उस बाजार में।

गरीबी ने हमें सिखाया है जीना,
संघर्ष की कहानी में लिखेंगे सफलता का सपना।

ये मत देखो हिन्दू कौन है मुसलमान कौन है,
अपने पड़ोस में पता लगाओ भूखा इंसान कौन है।

गरीबी की भी क्या खूब हँसी उड़ायी जाती है,
एक रोटी देकर 100 तस्वीर खिंचवाई जाती है।

बाप अमीर हो या चाहे गरीब,
औलाद के लिये बादशाह होता है।

ये कीमती तोहफ़े मेरे बस की बात नहीं,
मै गरीब का बेटा हू मेरी अमीरों की जात नहीं।

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