तो दोस्तों आज हम आप लोगों के साथ फिर से शेयर करने वाले हैं दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई (Dard Bhari Shayari) का बहुत सारा कलेक्शन जो की आप लोगों को अच्छा लगेगा।
आप लोगों को दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई की जरूरत आखिर क्यों पड़ती है, यह तो हर प्यार करने वाला जरूर जानता ही होगा क्योंकि प्यार किया है तो प्यार में दर्द मिलना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है क्योंकि प्यार किया है तो दर्द भी जरूर मिलेगा।
और आप लोग कहीं से भी सर्च करके यहां तक पहुंच कर आपको दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई पढ़ना चाहते हैं इसका मतलब यह है कि आपका दर्द बहुत बड़ा है या फिर आपको बहुत ज्यादा दर्द मिल रहा है ।
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और आप इस तरह की शायरी पढ़ कर अपने दिल को तसल्ली या फिर यूं कहें कि दिल को सुकून देना चाहते हैं तो आप लोग सही जगह पर आए हो क्योंकि यहां पर हम आप लोगों के लिए बहुत सारी ऐसी शायरियों का कलेक्शन करके रखा है आप नीचे जाइए और सारी शायरियां पढ़ लीजिए जिससे क्या आपको सुकून मिल जाए।
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई 2024
अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ,
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ।
डरता हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए,
वरना तेरे हर दर्द की कहानी में मेरा हर ख्वाब लिख दूँ।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है।
प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार,
ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे।
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे हुई थी,
मोहब्बत, मगर जिससे हुई,,
हम उसके काबिल न थे।
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी,
हुई हर एक निशानी।
अब चाहे वो दिल का दर्द हो या,
आँखों का पानी।
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में,
बेगाना बना दिया।
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी,
का बहाना बना दिया।
उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा।
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है।
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी।
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
कभी रो के मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए।
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए।
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई फोटो
ना मेरा दिल बुरा था,
ना उसमे कोई बुराई थी।
बस नसीब का खेल है,
क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे।
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
ना आंसूओं से छलकते हैं,
ना काग़ज़ पर उतरते हैं।
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस,
भीतर ही भीतर पलते हैं।
तुम पर भी यकीन है और,
मौत पर भी एतबार है।
देखते हैं पहले कौन मिलता है,
हमें दोनों का इंतजार है।
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में,
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे।
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए,
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
टूट जायेगी तुम्हारी,
जिद की आदत भी उस दिन।
जब पता चलेगा की,
याद करने वाला अब याद बन गया।
सुना भी कुछ नही,
कहा भी कुछ नही।
पर ऐसे बिखरे हैं,
जिंदगी की कश्मकश में।
कि टूटा भी कुछ नही,
और बचा भी कुछ नही।
हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ,
दूसरों को हंसाने के लिए।
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि,
ठीक से रोया भी नही जाता।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी।
तुम मेरी लाश पर रोने मत आना,
मुझसे बहुत प्यार था ये जताने मत आना।
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूं,
जब सो जाऊं फिर जगाने मत आना।
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई Sms
ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के,
आज तक कोई फूल ना खिल सका।
बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर,
फिर कभी तेरा पता ना मिल सका।
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था,
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था।
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी,
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था।
कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में,
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में।
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में।
उसके इंतजार के मारे है हम,
बस उसकी यादों के सहारे है हम।
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब,
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम।
ज़िंदगी है बड़ी नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ।
कहो तो कह दूं ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आएगा तुम्हारा नाम इसलिए चुप हूँ।
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वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता।
वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से,
मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता।
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते।
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की,
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की।
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की।
तुम्हारी अदा का क्या जवाब दूँ,
अपने दोस्त को क्या उपहार दूँ।
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मंगवाता,
जो खुद गुलाब है, उसको क्या गुलाब दूँ।
दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे।
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है,
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।
उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर,
अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए।
बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए,
साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।
प्यार कोई दीया नहीं,जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं,जब चाहा बना लिया मिटा दिया।
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं,जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया।
जो पल पल चलती रहे, उसे जिंदगी कहते है,
जो हरपल जलती रहे, उसे रोशनी कहते है।
जो पलपल खिलती रहे, उसे मोहब्बत कहते है,
जो साथ न छोड़े कभी, उसे दोस्ती कहते है।
मेरे अस्कों से भीगी हैं,
जाने कितनी तस्वीर तुम्हारी।
तुम झलक दिखाकर चली गयी,
और बदल गयी तकदीर हमारी।
हम रूठे तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए।
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको,
पर दिल कहाँ से लाये..आप से रूठ जाने के लिए।
तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई,
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई।
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने,
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई।
बोलती है दोस्ती, चुप रहता है प्यार,
हंसाती है दोस्ती, रुलाता है प्यार।
मिलाती है दोस्ती, जुदा करता है प्यार,
फिर क्यों दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार।
कोरे कागज पर हमने अपनी कहानी लिख दी,
मिला जाे दुनिया से हमें, उससे हमने शायरी लिख दी।
फिर क्यों आँखों के आसुओं में तेरी कमी है दिखती,
और मेरे जिंदगी की किताब पर तेरे एहसास की निशानी दिखती।
मुझे समझने का दौर कभी क्यूँ नही होता,
मुझसा मजबूर कभी तू क्यूँ नहीं होता।
क्या फ़र्क़ है तेरी वफ़ा और मेरी वफ़ा में,
मुझे बेहिसाब हो तुझे दर्द क्यूँ नहीं होता।
उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो,
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो।
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है,
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।
आज फिर वही यादों का चित्रहार चला,
कुछ पल तो रुका वो फिर उस पार चला।
मैं रह गया इस पार बेक़रार कुछ उम्मीद लियें,
वो कुछ और की उम्मीद में बेक़रार चला।
बहुत उदास है कोई तेरे जाने से,
हो सके तो लौट आ किसी भने से।
तू लाख खफा सही , मगर एक बार तो देख,
कोई टूट गया है तेरे रूठ जाने से।
आंसू बहे तो एहसास होता है,
दोस्ती के बिना जीवन कितना उदास होता है।
उम्र हो आपकी चाँद जितनी लंबी,
आप जैसा दोस्त कहाँ हर किसी के पास होता है।
पता है तकलीफ क्या है,
किसी को चाहना।
फिर उसे खो देना,
और खामूश हो जाना।
दोस्त दोस्त नहीं खुदा होता है,
महसूस होता है जब वो जुदा होता है।
बिना दोस्त के जीना सजा होता है,
और दोस्त तुम जैसा हो तो जीवन में मज़ा होता है।
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर,
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की।
रूक जाओ आज की रात न दफनाओ,
मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की।
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई Download
सिर्फ मोहब्बत को पाना ही मोहब्बत नहीं होती,
कभी तुम भी कर लेते ऐतबार तो ये दुरी न होती।
माफ़ कर देना गलतियों को मेरे,
तुम्हे चोट पोहचे ऐसी कभी मेरी तमन्ना नहीं होती।
वफा करने से मुकर गया है दिल,
अब प्यार करने से डर गया है दिल।
अब किसी शहारे की बात मत करना,
झूठे दिलासों से भर गया है दिल।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी।
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं।
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं।
आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये।
भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये।
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे।
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
मुद्दतो तक उसकी तलाश रख्खी,
उसके दीदार की दिल में आस रख्खी।
उम्मीद का दिया बुझने ना दिया,
खुदा ने क्यों मेरी जिंदगी उदास रख्खी।
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम।
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी।
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी।
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे।
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे।
हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,
मगर चल पडी आँधियां जमाने की।
मेरा गम कोई ना समझ पाया,
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की।
कोई रास्ता नही दुआ के सिवा,
कोई सुनता नही खुदा के सिवा।
मैने भी ज़िंदगी को करीब से देखा है मेरे दोस्त,
मुश्किल मे कोई साथ नही देता आँसू के सिवा।
कभी तुम पूछ लिया करना,
कभी हम भी ज़िक्र कर लिया करेंगे।
छुपाकर दिल के दर्द को,
एक दूसरे की फ़िक्र कर लिया करेंगे।
वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया,
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया।
दिल तो दिल था समुद्र का साहिल नहीं,
लिख दिया नाम तो फिर मिटाया ना गया।
जख्म जब मेरे सीने से बहार आयेंगे,
आंसू भी मोती बनकर बिखर जायेंगे।
ये न पूछों कि किसने कितना दर्द दिया है,
वर्ना कई अपनो के चेहरे उतर जायेंगे।
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं।
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं।
हमने सोचा था की बताएंगे,
सब दुःख दर्द तुमको।
पर तुमने तो इतना भी न,
पूछा की खामोश क्यों हो।
कुछ तन्हाईयां बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं।
ना तो अनपढ़ रहे न ही काबिल हुऐ,
हम खामखा ऐ इश्क तेरे स्कूल में दाखिल हुए।
ये जो हालात है, यकीनन एक दिन सुधर जाएंगे,
पर अफसोस के कुछ लोग दिल से उतर जाएंगे।
वो सिर्फ मोहब्बत नही जमाना थी मेरा,
मैं उस से कुछ छुपाता ही नही था।
इतनी हिम्मत तो नहीं मुझमे,
की दुनिया से छीन लू तुझे।
लेकिन तुझे मेरे दिल से कोई निकाले,
इतना हक़ तो मैने खुद को भी नहीं दिया।
कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो,
जब कोई याद आता है तो बहुत रुलाता है।
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं।
कुछ गीले शिकवे हो तो दूर कर लेने चाहिए,
खामोशियां अच्छी नहीं होती रिश्तों के बीच।
ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारों बहुत घाटा है।
तुझे शिकायत है की मुझे बदल दिया वक़्त ने,
कभी खुद से भी सवाल कर क्या तू वही है।
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का।
दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,
आज भी इंतजार है तेरे आने का।
कभी रो लेने दो कंधे पर सर रखकर मुझे,
की दर्द का बवंडर अब संभाला नहीं जाता।
कब तक छुपाकर रखे आंखो म इसे,
की आंसुओ का समंदर अब संभाला नहीं जाता।
मत रहो हमसे इतना दूर के,
अपने फैसले पर अफसोस हो जाए।
कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी,
आप लिपटकर रोए और हम खामोश हो जाए।
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है।
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है।
दर्द महसूस भी होता है, दिल आज भी तड़पता है,
तेरी एक झलक के लिए दिल आज भी तरसता है।
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था,
अलविदा” आज भी वही खड़ा है,,
दिल उसके आने के इंतज़ार में।
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं।
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं।
रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता।
वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए।
दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है।
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है।
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये।
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये।
मेरे प्यार को दुनिया मे कोई समझ न पाया,
रोता था जब तन्हा कोई मेरे साथ न आया।
मिटा दिया खुद को उसके प्यार मे,
और लोग कहते हैं कि मुझे प्यार करना न आया।
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं।
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं।
तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये,
तनहायी की गहराईयो में उतरते चले गये।
उड़ते थे जिनके सहारे आसमांन में हम,
एक एक करके सब बिछड़ते चले गये।
हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर,
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर।
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर,
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर।
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई 2024
दर्द देने का अंदाज कुछ ऐसा है,
दर्द दे कर कहते है अब हाल कैसा है।
ज़हर दे कर कहते है अब पीना होगा,
जब पी लिए तो कहते है अब जीना होगा।
मौत के बाद याद आ रहा है कोई,
मिट्ठी मेरी कबर से उठा रहा है कोई।
या खुदा दो पल की मोहल्लत और दे दे,
उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई।
आंसू से पलके भींगा लेता था,
याद तेरी आती थी तो रो लेता था।
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर,
हर बार ये फैसला बदल लेता था।
हमें न मोहब्बत मिली, न प्यार मिला,
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला।
अपनी तो बन गई तमाशा जिंदगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला।
कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी,
किसी ने फूल रखके आंसूं की दो बूंद बहायी।
जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी,
अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।
याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में।
हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में।
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम।
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी सक्स की जान थे हम।
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम,
उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम।
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ जिसकी,
बालो को हवासे बचा रहे थे हम।
अपने दिल को अगर दुखाना हैं,
बहारों में अगर घर जलाना हैं।
प्यार करो एक बेवफा से,
अगर मोहब्बत को आजमाना हैं।
नदी जब किनारा छोर देती हैं,
राह की चट्टान तक तोर देती हैं।
बात छोटी सी अगर चुभ जाए दिल में तो,
जिंदगी के रास्तों को भी मोर देती हैं।
शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता।
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे,
पर इनको ये बताना नहीं आया।
सोते हुए भीग जाती हे पलके मेरी,
पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया।
क्यों बनाया मुझको आए बनाने वाले,
बहुत गम देते हैं ये जमाने वाले।
मैंने आग के उजालों में कुछ चेहरों को देखा,
मेरे अपने ही थे मेरे घर जलाने वाले।
रब उसे ऐसी तन्हाई न दे,
हम जी लेंगे तन्हा पर उसे तन्हाई न दे।
इन निगाहों में बसी रहे उसकी सूरत,
भले मेरी सूरत उसे दिखाई न दे।
आप आँखों से दूर दिल के करीब थे,
हम आपके और आप हमारे नसीब थे।
न हम मिल सके, न जुदा हुवे,
रिश्ते हम दोनों के कितने अजीब थे।
हर पल दिल को बहला लेता हूँ,
तन्हाई में खुद को ही दोस्त बना लेता हूँ।
याद उनको करके मुस्कुरा लेता हूँ,
गुजरे लम्हों को फिर करीब बुला लेता हूँ।
ये जान गँवा दी, ये जुबां गँवा दी,
हमने तेरे इश्क में दो जहान गँवा दी।
सीने में पड़े थे दिल के हजार टुकड़े,
एक नज़र से तूने उनमें आग लगा दी।
एक कसक दिल में दबी रह गई,
जिंदगी में उनकी कमी रह गई।
इतनी उल्फत के बाद भी वो मुझे न मिली,
शायद मेरी किस्मत में ही कुछ कमी रह गई।
तेरी उल्फत को कभी नाकाम ना होने देंगे,
तेरी दोस्ती को कभी बदनाम ना होने देंगे।
मेरी जिंदगी में कभी सूरज निकले ना निकले,
तेरी जिंदगी में कभी शाम नहीं होने देंगे।
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है।
आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ,
मुझे तो टूटने की आदत है।
Gam Bhari Shayari Hindi Mein Likhi Hui
मोहब्बत का मेरे सफ़र आखिरी है,
ये कागज़ कलम ये गज़लआखिरी है।
मैं फिर न मिलूँगा कहीं ढूढ लेना,
तेरे दर्द का अब ये असर आखिरी है।
अब ये भी नहीं ठीक के हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए हैं।
ये इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
एक शख्स की यादों को भुलाने के लिए हैं।
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुजर क्यों नहीं जाता।
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में,
जो दूर है मुझसे वो दिल से उतर क्यों नहीं।
ऑंखें तो प्यार में दिल की जुबान होती हैं,
सच्ची चाहत तो सदा बे जुबान होती है।
प्यार में दर्द भी मिले तो मत घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है।
न कर तू इतनी कोशिसे,
मेरे दर्द को समझाने की।
पहले इश्क कर फिर जख्म खा,
फिर लिख दावा मेरे दर्द की।
तुझे इस तरह यू भुला ना सकेंगे,
तेरे अलावा किसी की अपना ना सकेंगे।
तू ही मेरी ज़िन्दगी मेरी जान है,
तेरी मोहब्बत का दाग हम धुला ना सकेंगे।
अपनो की पाने की चाह में,
हमने खुद को इस कदर खो दिया।
ज़िन्दगी बची है अब चंद पलो की,
ये दिल भी मेरा खून के आंसू रो लिया।
माना कि तुझको मै हासिल ना कर सका,
मोहब्बत थी तुझसे बयां ना कर सका।
लेकिन किसी को पा लेना ही मोहब्बत नहीं होता,
चाहे मै तेरे काबिल ना बन सका।
हर जगह तू नजर आती है,
तुझसे दूर रह कर ये जान निकाल जाती है।
क्या बताऊं तेरे बिन क्या हाल है मेरा,
हर पल हर लम्हा तेरी याद आती है।
तेरे प्यार मै मदहोश हो कर,
मै जमाने से भी लड़ पड़ा।
प्यार हमारा सच्चा था झूठा नहीं था,
जमाने को बताने मै चल पड़ा।
तू प्यार ना निभा सकी,
मुझे तन्हा कर के छोड़ दिया।
ज़िन्दगी में अकेला रह गया मै,
दिल ने भी तुझसे अब रुख मोड़ लिया।
ज़िन्दगी के कुछ दिन दुख भरे थे,
कुछ उससे भरे थे कुछ मुझसे भरे थे।
कुछ अजीब सा एहसास था वो भी,
जब पहली बार किसी को खोने से डरे थे।
गुजर रही है खामोशी से ये ज़िन्दगी,
ना कोई खुशी है ना गम का शोर।
चाहे सौ साल ही क्यों ना इंतजार करना पड़े,
अब उसके सिवा इस दिल में ना आएगा कोई और।
एक कहानी थी जो दिल पर लिखी रह गई,
ये नजर बस उसे ही देखती रह गई।
वो आंखो के सामने किसी और के हो गए,
हमारी मोहब्बत फिर एक बार अधूरी रह गई।
मोहब्बत ना मिली लेकिन नफरत बहुत मिली,
ज़िन्दगी मिली लेकिन राहत ना मिली।
महफ़िल में तेरी हर एक को हंसता देखा मैंने,
बस हमे ही हंसने की इजाज़त ना मिली।
अजीब लगा यूं उनका मुझको छोड़ के जाना,
ना सुना कुछ और कहा भी कुछ नहीं।
आसान नहीं था यूं उनसे जुदा होकर रहना,
फिर जुदा होकर अब कुछ रहा भी नहीं।
ज़रूरी नहीं है कि हमेशा बुरे कर्मों की वजह से ही दर्द सहने को मिले,
कई बार हद से ज़्यादा अच्छे होने की भी क़ीमत चुकानी पड़ती है।
तुझे तो फुर्सत ही नहीं मिलती,
मेरे किसी मेसेज को पढ़ने की।
और एक हम ठहरे जो तुम्हारे,
पुराने ही मेसेज देख कर तुझे याद कर लेते हैं।
आंसू हैं आंखों में पर बह नहीं सकते,
दुनिया वालों से डरते हैं इसलिए कुछ कह नहीं सकते।
, पर ये तो आप भी समझते ही होंगें,
कि हम आपके बिना रह नहीं सकते।
खामोश फ़िज़ा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था।
किसी ज़ुल्म ने छीन ली हम से हमारी मोहब्बत,
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता।
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
अब टूट गया दिल तो बवाल क्या करें,
खुद ही किया था पसंद अब सवाल क्या करें।
गहरी थी रात लेकिन हम खोए नही,
दर्द बहुत था दिल में मगर हम रोए नही।
कोई नही हमारा जो पूछे हमसे,
जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नही।
साथ मांगा मिला नही,
खुशी मांगी मिली नही।
प्यार मांगा किस्मत में था नही,
और दर्द बिन मांगे ही मिल गया।
प्यार के उजाले में गम का अंधेरा आता क्यों है?
जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है?
अगर वह मेरा नसीब नही?
तो खुदा ऐसे लोगों से मिलाता क्यों है।
एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया।
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
दिल पर ज़ख्म कुछ ऐसे मिले,
फूलों पर भी सोया न गया।
दिल तो जलकर राख हो गया,
और आँखों से रोया भी न गया।
सजा कैसी मिली हमको तुझसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा जब कोशिश की मुस्कुराने की।
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला है जो तूने कोशिश की आजमाने की।
था कोई जो मेरे दिल को ज़ख्म दे गया ,
ज़िन्दगी भर रोने की कसम दे गया।
लाखों फूलों में से एक फूल चुना था मैंने,
जो काटों से भी गहरा ज़ख्म दे गया।
कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में,
हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा न दिखेगा बस महसूस होगा।
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।
मुझे क़बूल है हर दर्द, हर तकलीफ़ तेरी चाहत में,
सिर्फ़ इतना बता दे, क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है?
कोइ इस दर्द-ए-दिल की दवा ला दो मुझे,
किसी पे ऐतबार न करूँ वो हुनर सिखा दो मुझे।
वैसे मैं हर एक खेल का शौक रखता हूँ,
दिलों से खेलना भी कोई सिखा दो मुझे।
ये क्या है, जो आँखों से रिसता है,
कुछ है भीतर, जो यूँ ही दुखता है।
कह सकता हूं, पर कहता भी नहीं,
कुछ है घायल, जो यहाँ सिसकता है।
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है।
तड़प उठता हूँ मैं दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है।
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी।
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी।
तुम क्या लगा पाओगे ?
अंदाज़ मेरी तबाही का,
तुमने देखा कहाँ है,
मुझको शाम के बाद
दिल में जो दर्द है वो दर्द किसे बताएं,
हँसते हुए ये जख्म किसे दिखायें,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्तान किसे सुनाएँ.
जिंदगी भर दर्द से जीते रहे,
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे।
कई बार सोचा कह दू हाल-ए-दिल उससे,
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे।
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना।
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना।
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने।
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
मोहोबत कुछ ऐसी है ,
किसी की यादे पहले सुकून और फिर जहर लगने लगती है।
पहुँचकर ख़ाब की दीवार पर वो दस्तक देंने लगा है,
अब और कितना मरें की वो ज़िंदा नज़र न आए हमको।
अकेले रहा करो मेरे दोस्तों…
लोग मोहब्बत के बहाने हंसी छीन लेते हैं।
इतनी खामोशी से अलविदा कह गया वो,
कि मेरे भ्रम को टूटने में भी महीने लग गए।
भुला देंगे तुम्हें थोड़ा सब्र तो करो,
तुम बेवफा हो मानने में थोड़ा वक्त तो लगेगा।
मतलब खत्म होने पर,
हर इंसान को रंग बदलते देखा है मैंने।
Dard Bhari Shayari Hindi Mein Likhi Hui
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