Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi: तो दोस्तों आज हम आप लोगों के साथ शेयर करने वाले हैं खूबसूरती की तारीफ शायरी इन हिंदी का संपूर्ण कलेक्शन जो कि आप लोगों को पसंद आएगा।
खूबसूरती नाम में ही कुछ अलग शानदार छुपा हुआ है खूबसूरती सुनते ही लोग पागल हो जाते हैं कहने का मतलब के खूबसूरती के दीवाने हो जाते हैं।
तो दोस्तों यह दुनिया बहुत बड़ी है और यहां पर बहुत सारे लोग और साथ ही साथ बहुत सारे प्रकृति कैसे से अजूबे देखने को मिलते हैं इतने खूबसूरत होते हैं कि हम उनकी खूबसूरती की तारीफ किए बिना रह नहीं पाते।
और बात जाहिर है दोस्तों अगर कोई खूबसूरत है और उसकी तारीफ ना करें तो मजा नहीं आता क्योंकि खूबसूरती की तारीफ हमेशा करता ही रहना चाहिए।
तो दोस्तों इसी तरह के हमने बहुत सारी शायरियां जो की खूबसूरती की तारीफ में लिखी गई है शायरों और शायरों के द्वारा और आशिकों के द्वारा बहुत सारी शायरियां किसी की खूबसूरती के ऊपर लिखी है।
और अगर आप भी किसी की खूबसूरती की तारीफ करना चाहते हो तो आप सही जगह पर आए हो यहां पर आप लोगों को बहुत सारी खूबसूरती की तारीफ में शायरियां मिल जाएगी जो आप ढूंढ रहे हो।
शायरी आप लोगों को जरूर मिल जाएगी और आपको गूगल पर दोबारा सर्च करके किसी दूसरे ब्लॉग साइट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप जो ढूंढ रहे हो वह शायरी यहां पर मौजूद है नीचे जाकर आप पूरा पढ़िए और आपको आपकी शायरी जरूर मिल जाएगी।
Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi Images
तारीफ करूँ क्या तेरी, कुछ अल्फ़ाज ही ना मिले,
जब से देखा है तुझको दिल में अरमान है जगे।
देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है,
तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है।
सोचता हूँ हर कागज पे तेरी तारीफ करु, फिर ख्याल,
आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
ख़ूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है,
मोहब्बत है इसलिए ख़ूबसूरत लगती हो।
निगाह उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाएँ,
एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ।
कैसे कहे के आप कितनी खूबसूरत है,
कैसे कहे के हम आप पे मरते है,यह।
तो सिर्फ़ मेरा दिल ही जनता है,के हम,
आप पे हमारी जवानी क़ुरबान करते है।
किसी ने मुझ से कहा बहुत खुबसूरत लिखते,
हो यार,मैंने कहा खुबसूरत मैं नहीं वो है जिसके,,
लिए हम लिखा करते है।
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा।
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,
पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
मैं इतनी अच्छी भी नहीं,
जितनी तुम तारीफ कर जाते हो।
कही किसी और के हिस्से की,
तारीफ चुरा के तो नहीं लाते हो।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं,
उसपे सबाब का रंग गहरा हैं।
खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे,
तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं।
Khubsurti Ki Tareef Shayari Images
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर ऑंखें झुका लेते हैं।
कौन मिलाए उनकी आँखों से आंखे,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।
मुस्क़ुरते हैं तो बिजलिया गिरा देती हैं,
बात करते हैं तो दीवाना बना देती हैं।
हुस्न वालो की नज़र काम नहीं क़यामत से,
आग पानी में वो नज़रों से लगा देती हैं।
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात मैं तारीफ करता हूं,
तुम्हारी तस्वीर लेकर यूं ही दिन रात देखा करता हूं।
इक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की।
चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िद,
हमारी उस चाँद को पाने की।
तेरे गोल्डेन फेस की ब्यूटी ने,
मेरे कोमल हार्ट पे अटैक किया।
सबको रिजेक्ट किया तुमको सिलेक्ट किया,
रिक्वेस्ट है तुमसे इसे रिफ्यूज ना करना,,
मेरे प्यार के इस बल्ब को कभी फ्यूज ना करना।।
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,
तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।
कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की,
पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।
नजर से जमाने की खुद को बचाना,
किसी और से देखो दिल ना लगाना।
के मेरी अमानत हो तुम,
बहुत खूबसूरत हो तुम।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है,
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है।
खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi For Girlfriend
इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको,
कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो।
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
वो शरमाई सूरत वो नीची निगाहें,
वो भूले से उनका इधर देख लेना।
तरस गये आपके दीदार को,
दिल फिर भी आपका इंतज़ार करता है।
हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है,
जो हर रोज़ आपका दीदार करता है।
सुर्ख आँखो से जब वो देखते है,
हम घबराकर आँखे झुका लेते है।
क्यू मिलाए उन आँखो से आखे,
सुना है वो आखो से अपना बना लेते है।
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शोख़ी से ठहरती नहीं क़ातिल की नज़र आज,
ये बर्क़-ए-बला देखिए गिरती है किधर आज।
कितना हसींन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है।
खुदा को यक़ीन ना था वफा पे,
तभी तो एक चाँद पे हजारों तारों का पहरा है।
हमदम तो साथ-साथ चलते हैं,
रास्ते तो बेवफा बदलते हैं।
तेरा चेहरा है जब से आंखों में,
मेरी आंखों से लोग जलते हैं।
खूबसूरती ना सूरत में है ना लिबास में है,
निगाहें जिसे चाहें उसे हसीन बना दें।
खूबसूरत है इसलिए मोहब्बत नहीं है,
मोहब्बत है इसलिए खूबसरत लगती हो।
Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi 2 Line
मोहब्बत अगर खूबसूरती देखकर होती,
तो कसम से तुमसे कभी नहीं होती।
बहुत गुमान था उसे अपनी खूबसूरती पे,
मेरी मां से मिली तो पानी पानी हो गई।
ख़ूबसूरत होना अच्छा है,
लेकिन अच्छा होना बहुत ही खूबसूरत है।
खूबसूरती से धोखा ना खाइए जनाब,
तलवार कितनी ख़ूबसूरत क्यों ना हो मांगती तो खून ही है।
एक लड़की की इज्ज़त करना उसे,
ख़ूबसूरत कहने से ज्यादा खूबसूरत है।
जब जज्बातों को अंजाम देना मुमकिन ना हों,
तो एक ख़ूबसूरत मोड़ देकर छोड़ देना चाहिए।
इश्क़ तो हमेशा से ही ख़ूबसूरत रहा है,
दाग़ तो ख्वाहिशें लगाती हैं।
बहुत खूबसूरत लग रही थी वो,
मगर माथे पे सिंदूर था।
मंज़िल तो ख़ैर नहीं मिली,
मगर सफ़र बहुत खूबसूरत था उसके साथ।
सँवरने से औरों की बढ़ती होगी खूबसूरती,
तेरी चाहत से मेरा चेहरा यू ही निखर जाता है।
Khubsurti Ki Tareef Me Shayari In Hindi
बहुत सादे से थे हम अब तलक,
तुमने छूकर खूबसूरत कर दिया।
ख़ूबसूरत चेहरों में कशिश तो लाज़मी है,
मगर ख़ूबसूरत दिल के बग़ैर चाहत अधूरी होती है।
प्यार हमेशा से ही खूबसूरत रहा है,
दाग तो उसमें ख्वाइशें लगाती हैं।
वो रेशमी जुल्फे और गुलाबी होठ आप ही बताओ,
ये आशिक मोहब्बत न करता तो क्या करता।
लगती है फीकी चाँदनी चाँद की भी उसके आगे,
नूर बे नूर सा लगता है उसके आगे।
क्या लिखु उसके तारीफ मे ,
मेरे शब्द की खूबसूरती क़म पड़ जाएगी उसके आगे।
बहुत शौक है न तुम्हे मुझे मार डालने का,
लगा कर ज़हर होठो पे मेरी बाँहों में आ जाओ।
अजी उसने तो कायनात में बबाल मचा रखा है,
अब मैं समझा उसके रुखसार पे तिल का मतलब,,
दौलत-इ-हुसैन पर दरबान बिठा रखा है।
तेरा मुस्कुरा देना जैसे पतझड़ मे बहार हो जाये,
जो तुझे देख ले वो तेरे हुस्न मे ही खो जाये।
आखिर हो ही गया दीवाना तुम्हारा अब क्या किया जाए,
तुम्हारी कातिलाना मुस्कान काम कर गई अब क्या किया जाए।
जाम की गिनती भूलने तक भी नशा न होता था मुझे,
तुम्हारी नशीली आँखे बेहोस कर गई अब क्या किया जाए।
फिर किसी शख्स के चेहरे की तमन्ना न रही,
एक नज़र देखलिया जिसने तुम्हारा चेहरा।
Ladki Ki Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi
गर मुस्करा दे वो तो.. मौषम बन जाय,
ढलता सूरज भी रास्ता भटक जाय।
दुनिया भर की जंग ही ख़त्म हो सकती,
जो वो हुस्न ले के एक बार छत पे आ जाय।
यूँ ही देख के उनको फ़िदा हो गए है हम,
खुदाया जो हंस दे वो तो हस्र क्या होगा।
आँखे पढ़ो और जानो हमारी रज़ा क्या है,
हर बात लफ़्ज़ों से बयां हो तो बात ही क्या है।
जुबां कड़वी और दिल साफ़ रखता हूँ,
कौन का कहाँ बदल गया सबका हिसाब रखता हूँ।
अगर आप पर कोई मरता है तो,
कोशिश करो की, वो ज़िंदा रहे।
मसला ये नही की मैं चीखता बहुत हूं,
मसला तो यह है कि तुम जख्मों पर पैर रखते हो।
उस वक्त भी लौट आना तू मैं राह तकूंगा,
हाथों की मेहंदी जब तेरे बालों में आ जाए।
बचपन के खिलौनों सा कहीं छुपा लूँ तुम्हे,
आंसू बाहाऊं ,पैर पटकूं, और पा लूं तम्हे।
महोब्बत करने वालों को दिखावे की ज़रूरत नहीं पड़ती,
सच्चाई आँखों में दिखती है बताने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
नजरों का शर्माना भी एक अदब है,
और नजरों से सब कुछ कह जाना भी गजब है।
Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi For Friend
उनकी खूबसुरती की क्या तारिफ करुण मेरे यारों,
खुदा भी उन जैसा कोई और ना बना पाया होगा।
मैं तो परशान हूं ये सोच की शायद,
ना जिंदगी में आएगा, ना उन जैसा कोई आया होगा।
चाहत है बस तुम्हें पाने की,
कोई और तमन्ना नहीं इस दीवाने की।
आपसे नहीं, खुदा से शिकवा है मुझे,
ज़रूरत क्या थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनने की।
तू इतनी खूबसूरत है कैसे बयान करुं,
दिल यही चाहता है की बस देखता रहूं।
कितनी फुर्सत से बनाया होगा रब ने तुझ को,
शायद तेरी सूरत पर प्यार आ गया होगा हमें।
हर चमकी चीज सोना नहीं होती,
जरा पारख रहा हूं की खरा है की नहीं।
अगर परखने के बाद तकदीर में होगा,
तो हमें मिल जाएगी अगर होगी मेरे लिए सही।
गा सकुन आपका नगमा वो साज़ कहां से लाऊं,
सुना सकुन कुछ आपको वो अंदाज कहां से लाऊं।
यूं तो चांदनी की तारिफ करना आसान है,
कर सकते हैं आपकी तारिफ वो अल्फाज कहां से लां।
Funny Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi
आपके दीदार को निकला है तारे,
आपकी खुशबू से छा गई है बहारे।
आपके साथ देखते हैं कुछ ऐसे नज़र,
की चुप चुप के चांद भी बस इतनी को निहारे।
पुछो मेरे दिल से तुम्हें पैगम लिखता हूं,
साथ गुजरी बात तमं लिखता हूं।
दीवानी हो जाती हैं वो कलाम भी,
जिस कलाम से तुम्हारा नाम लिखता हूं।
नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे,
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये।
हुस्न को बे-हिज़ाब होना था शौक़ को कामयाब होना था,
हिजर में कैफ-ऐ-इज़्तेराब न पूछ,,
खून -ऐ -दिल भी शराब होना था।
तेरे जलवों पे मर मिट गए आखिर,
ज़र्रे को आफताब होना था।
कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी,
कुछ मुझे भी खराब होना था।
रात तारों का टूटना भी ‘मजाज़,
बाइस -ऐ -ना उम्मीद होना था।
तेरे नैनो की शोख अदाओं ने हमे लूटा लिया,
तेरी झील सी गहरी आँखों ने हमे लूटा लिया।
हम तो लूट चुके है इस कदर ऐ हसीं ख्वाब ,
अब डरता हूँ कहीं कोई लूट न ले मेरे ख्वाब।
वो बला की शोख़ी देखी है तेरी नज़रो मैं,
वो हुस्न वो नजाकत वो बेकाबू जुल्फ की घटा।
खूबसूरती की तारीफ शायरी इन हिंदी
क्या क्या बयान करू मैं ऐ शोख हसीना,
हर बात बेमिासल है तेरे हुस्न की।
बहुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की,
बना चुके तो लग गयी नज़र ज़म्माने की।
उसी का क़र्ज़ है, जो आज है आँखों में आँसू,
सज़ा मिली है हमें मुस्कुराने की।
सपनो की दुनिया में हम खोते गए,
होश में थे फिर भी मदहोश होते गए।
जाने क्या जादू था उस अजनबी चेहरे में ,
खुद को बहुत रोका फिर भी उसके होते गये।
गा सकूँ आपका नगमा वो साज कहाँ से लावु,
सुना सकूँ कुछ आपको वो अंदाज कहाँ से लावु।
यूं तो चाँदनी की तारीफ की तारीफ करना आसान है,
कर सकूँ आपकी तारीफ वो अलफ़ाज कहाँ से लावु।
मेरी हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की।
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या जरूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की।
में तेरी ख़बसूरती पर नहीं तेरी सादगी पे मरता हुआ,
तुम मुझे चाहो या ना चाहो मैं सिर्फ तुमा ही चाहूंगा।
झलफे मत बंध करो अपना,
हवाई नराज़ हो जाती है।
हुस्न दिखकर कर भला कब हुई मोहब्बत,
वो तो काजल लगाकर हमारी जान ले गई।
तुझे पल्को पे बैठना को जी चाहता है,
तेरी बहन से लिपटने को जी चाहता है।
ख़ूबसूरती की तबाह है तू,
तुझे जिंदगी में बसने को जी चाहता है।
खूबसूरती की तारीफ शायरी इन हिंदी फॉर फ्रेंड
तेरा चेहरा है जब से मेरी आंखें में,
लोग मेरी आँखों से जाने लगे हैं।
ये आंखें है जो तुम्हारी किसी ग़ज़ल की तरह ख़ूबसूरत है,
कोई पर्द ले एक दफा तो शायर हो जाए।
तेरी आंखें मैं हमने क्या देखा,
कभी कातिल कभी खुदा देखा।
दिल का क्या है तेरी यादों के सहारा जी लेंगे,
हेयरां तो आंखें है तारापति है तेरे दीदार को।
मत पूछो ये इश्क कैसे होता है,
बस जो रूलता है उसी के गले लग कर रोने को जी चाहता है।
मुलकत तो आज भी हो जाती है तुमसे,
मेरे सपने किसी के मोहताज नहीं है।
मेरे उनसे की तफ़लीफ़ अपनी मजबूरी ना बना देना,
मुझसे कोई शिकवा राखोगी तो अपनी भारी,,
आंख से अंशु एक तपका देना।
मेरे लफ्जो में है तारिफ एक चेहरे की,
मेरे महबूब की मुसरुकरत से चलती,,
है शायरी मेरी।
जो सुरर है तेरी आंखें में,
वो बात कहा मैखाने में,,
बस तू मिल जाए फिर क्या रखा है मैखाने में।
आयने में क्या चीज अभी देख रहे थे,
फिर कहते हैं खुदा की कुदरत नहीं देखी।
Khubsurti Par Shayari
देख तेरी खूबसुरती चांद भी शर्मा रहा है,
तू कितनी खूबसूरत है ये फरमा रहा है।
हुस्न वालो को क्या जरुरत है सुनाने की,
वो तो सादगी मैं भी कयामत की अदा रखता है।
ये जो कार्ति है परदा झुल्फे तेरे चेहरे पर आकार,
जैसे कोई चांद चुप रहा हो बद्री माई जकार।
मेरे जिस्म या जान में सावेरे तुम्हारा नाम है,
अगर मैं खुश हूं तो ये एहसान तुम्हारा है।
थामा हुआ है हाथ मेरा आपने मुझे मालुम हुआ,
हर पल हर लम्हे में प्यार तुम्हारा है।
किसी ने खुदा से दुआ माँगी,
दुआ माई उसे खुद की मौत मांग।
खुदा ने कहा मौत तो मैं तुझे दे दूंगा,
उसे क्या कहू जिसने तेरी जिंदगी की दुआ मांगी।
जुल्फे बगावत पर है मेरी आज,
तेरे हाथो सवर्ने की जिद कर बैठी है आज।
लाजमी नहीं तुझे आँखों से देखो,
तुझे सोचना किसी दीदार से कम नहीं।
तुझसे ना मिलने के कसम खाकड़ो,
मैंने हर राह मैं ढुंडा है तुझे।
खुदा ने ये आंख कितनी अजीब बनाया है,
जब ये खुलती है तो दुनिया इस्से रूला देता है,,
या जब ये बंद होती है ये दुनिया को रोने पर मजबूर कर देती है।
हा तेरे बिन ये जिंदगी मेरी अधूरी तो नहीं,
पर बिन तेरे ये जिंदगी मेरी, पुराने भी नहीं।
खूबसूरती की तारीफ पर शायरी
आज तेरी गली के सामने से गुजरेंगे,
मोहब्बत की निगहों से देख लेना,,
क्या पता हम किसी के या हो जाए।
जब तेरा ख्याल तेरा दमन चुमता है,
हर तराफ फिजाओ माई सावन झूमता है।
कबतालक माई रोकुंगा प्यार धरकानो किस,
सामने नज़र के तेरा कुआवाब घुमता है।
घमंड ना कर तक़दीर बदलती रहती है,
शीशा वही रहता है तस्वीर बदलती रहती है।
यूँ न निकला करों आज कल रात को,
चाँद छुप जाएगा देख कर आप को।
जब मैंने चाँद को अपनी चाँद दिखाया,
रात में निकला पर हुस्न पर नहीं इतराया।
धीरे से सरकती है रात,
हमारे आंचल की तरह।
उसका चेहरा नज़र आता है,
झेल में खिले कमल की तरह।
जिस दिन आप जमी पर आए,
वो असमं भी खूब रोया था।
अखिर उसके अंशु थमते भी कैसे,
उसे हमारे लिए,,
अपना सबसे प्यारा सितारा जो खोया था।
कितना हसीन चांद से चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है।
खुदा को याकिन ना था वफ़ा पे,
तबी चांद पे तारो का पहला है।
हुस्न की तारीख मुझे मालुम नहीं यारो,
मेरी नजरों में हसीन वो है जो मेरे यार जैसा हो।
हुस्न वालों को क्या जरूरी है सवारने की,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
Shayari On Khubsurti
यू ना निकला करो आज कल रात को,
चांद चुओ जाएगा देख कर आप को।
तेरी पल्को की चायों में मेरी शाम हो जाए,
तेरे मुशकुराने भर से मेरी धड़कन रुक जाए।
ये गुलाब से होठ जो चू जाए मेरे होंथो से,
बिन पिए ही हम नशा चा जाए।
रहमी जुल्फों के बंधन में बंधे मुझे,
तेरी हुस्न की माधोसी में कोई गुनाह ना हो जाए।
बया करने को बाकी है बहुत कुछ अभी,
बया करने बेथु तो जमाना बिट जाए।
पर लिख तो लिख कैसे तारीफ तेरे हुस्न की,
कम्भक्त निगाहें तुझसे टोपी कागज पर खा ऐ।
वो अपने चेरे में सो आफताब रखते हैं,
इसलिये तो वो रुख पे नाकाम रहते हैं।
वो पास बेथे तो आती है दिलरुबा खुशबू,
वो अपने होते हैं पे खिलते गुलाब रखते हैं।
तेरी आँखों के जादू से तू खुद नहीं है वाकिफ,
ये इस्तेमाल भी जीना सिखा देता है मरने का शौक है।
तेरी जुल्फों की घाटों का मुंतजिर हुआ जाता हूं,
अब ये आलम है की,,
बारिश भी सुखी सी लगती है।
पानी से प्यास न बुझी तो,
मैं खाने की तरफ चल निकला।
सोचा शिकायत करुं तेरी खुदा से पर,
खुदा भी तेरा आशिक निकला।
अभी इस तरफ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पालकी सांवर लू।
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आए में उतर लू।
उसे सजने की सवारने की जरूरत ही नहीं,
उसपे सजती है हया भी किस गहने की तरह।
क्या लिखा तेरी सूरत एह तारीफ में,
अल्फाज खतम हो गए हैं, तेरी आने देख देख के।
दुपट्टा क्या रख लिया सर पर,
वो दुल्हन सी नज़र आने लगी।
उनकी तो अदा होगी,
अपनी जान जाने लगी।
नशीली आंखों से वो जब हम देखते हैं,
हम घबड़ाकर आंखें झुके लेते हैं।
कौन मिलाए उनकी आंखों से आंखें,
सुना है वो आँखें से अपना बना लेते हैं।
Photo Ki Tareef Shayari In Hindi
उसने जी भर के हमको चाह,
फिर हुआ यू उसका जी ही भर गया।
आंखें रो परी उनका न पैगाम आया,
चले गए हम अकेले चोरकर ये कैसा मुकाम आया।
मेरी तन्हाई हस्ती है मुजपर या कहती है,
मेरे सिवा तेरे काम को आया।
देख कर तुमको याकिन होता है,
कोई इतना भी हसीन होता है।
देख पाते हैं कहा हम तुमको,
दिल कहीं होश कहीं गरम है।
कतील तेरी अदाओं ने लूटा है,
मुझे तेरी जफाओं ने लूटा है।
शंक नहीं द मुझे मर-मिटने का,
नशीली निगमों ने लूटा है में मुझे तोह।
हम तो फना हो गए उनकी आंखें देख गालिब,
ना जाने वो आए कैसे देखते होंगे।
नशा हम किया करते हैं,
इलज़ाम शरब को दिया करते हैं।
कसूर सराब का नहीं उनका है,
जिन्का चेरा हम जाम में तलाश किया करते हैं।
तुम्हारी एक निगाह से कटाल होते हैं,
एक नज़र हम को भी देख लो,,
तुम बिन जिंदगी अच्छी नहीं लगती।
पता है क्यो हर शाम,
चांद आधा आता है,,
क्योकी वो भी तेरी खूबसुरती को देख कर शर्मता है।
तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता,
काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती।
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,
मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।
फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरा,
मुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरा,,
मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा।
क्या लिखूँ तेरी सूरत – ए – तारीफ मेँ , मेरे हमदम,
अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के।
उनकी तारीफ़ क्या पूछते हो उम्र सारी गुनाहों में गुजरी,
अब शरीफ बन रहे है वो ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है।
अब हम समझे तेरे चेहरे पे तिल का मतलब,
हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है।
शायद तुझे खबर नहीं ए शम्मे-आरजू,
परवाने तेरे हुस्न पे कुरबान गये है।
Shayari On Khubsurti
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू,
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये।
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम।
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद।
तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी,
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।
तू ज़रा सी कम खूबसूरत होती तो,
भी बहुत खूबसूरत होती।
हसी फूलों को आती है,
जब आप मुस्कुराते हो।
हमारी दुनिया बदल जाती है,
जब आप मुस्कुराते हो।
आपकी मुस्कुराहट के आगे भला,
क्या चाँद की रौनक,,
हुज़ूर खुद चाँद भी शरमाता है।
ये तेरा हुस्न औ कमबख्त अदायें तेरी,
कौन ना मर जाय,अब देख कर तुम्हें।
उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा ,
आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
हसीन तो और भी है इस जहाँ में मौला ,
पर जब उसने अपना घुँगट खोला।
तो चाँद भी मुझसे शर्मा के बोला,
ये रात की चाँदनी है या दिन का शोला।
तुम हर तरफ प्यार से देखा ना करो,
हर तरफ प्यार की एक कहानी बनेगी।
नजर जो झूकी तो नयी शायरी बनेगी,
नजर जो उठी तो गज़ल की जुबान बनेगी ।
दिल की नही जान की जरूरत हो तुम,
जमी की नही आसमा की इनायत हो तुम।
ओर अब हम क्या आपकी तारीफ करे,
हुस्न की नही कयामत की मूर्त हो तुम।
उनकी आंखों से काश कोई इशारा तो होता,
कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता।
तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की ,
एक बार ही सही कोई इशारा तो होता ।
तेरा हुस्न बयां करना नहीं मकसद था मेरा ,
ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी।
तेरा होंठो की पंखुडियो को तू गुलाब न कहना,
वो तो मुरझा जाते है।
इनकी लाली को देखकर लगता है,
गुलाब भी अपना रंग यही से चुरा कर लाये है।
Khubsurat Tareef Shayari
नशा हम करते हैं ,
इल्जाम शराब को दिया करते है।
कसूर शराब का नही उनका है,
जिनका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं ।
कातिल तेरी अदाओं ने लूटा है,
मुझे तेरी जफ़ाओं ने लूटा है।
शौक नही था मुझे मर मिटने का ,
मुझे तो इन नसिली निगाहों ने लूटा हैं ।
देख कर तुमको यकीं होता है,
कोई इतना भी हसीन होता है।
देख पाते है कहा हम तुमको,
दिल कही होश कही होता हैं।
नशीली आँखो से वो जब हम देखते है,
हम घबरकार आँखे झुका लेते है।
कोन मिलाए उनकी आँखों से आँखे,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं ।
दुप्पट्टा क्या रख लिया सर पर ,
वो दुल्हन नजर आने लगी।
उनकी तो अदा होगी,
अपनी तो जान जाने लगी ।
उसको सजने की संवरने की जरूरत ही नही,
उसपे सजती है हया भी किसी जेवर की तरह ।
तेरी जुल्फों की घटाओं का मुन्तजिर होता जाता हूं ,
अब ये आलम है की,,
बारिश भी सुखी सी लगती हैं ।
वो अपने चहरे में सो आफताब रखते हैं,
इसलियें तो वो रूह पर नकाब रखते हैं।
वो पास बैठे हो तो आती हैं दिलरुबा खुशबू,
वो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं।
बिखर जाती है खुशबु सी,किसी की याद आते ही,
ना जाने कोन सावन बिन मौसम बरसता हैं ।
हुस्न की तारीफ मुझे मालूम नही यारो ,
मेरी नजर में हसीन वो है जो मेरा यार जैसा हो ।
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं,
सागर से गहरा कोई नहीं।
अब आपकी क्या तारीफ करू,
खूबसूरती में आप जैसा जैसा कोई नहीं।
किसका चेहरा अब मैं देखूं,
चाँद भी देखा…! फूल भी देखा।
बादल बिजली…! तितली जुगनूं,
कोई नहीं है ऐसा…! तेरा हुस्न है जैसा।
बहुत खुबसूरत है हमारा सनम,
खुदा ऐसा चेहरा बनाता है कम।
खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की,
शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की।
आँखों में तेरी कोई करिश्मा ज़रूर है,
तू जिसको देख ले,,
वो बहकता ज़रूर है।
महिलाओं की सुंदरता पर शायरी
मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़” करने वाले,
कोई हमारी मौत की अफ़वाह तो फैलाओ यारों।
उसने तारीफ़ ही कुछ इस अंदाज से की मेरी,
अपनी ही तस्वीर को सौ दफ़े देखा मैंने।
तेरा हुस्न जब से मेरी आँखों में समाया है,
मेरी पलकों पे एक सुरूर सा छाया है।
मेरे चेहरे को हसीन नूर देने वाले,
ये तेरे दीदार के लम्हों का सरमाया है।
सोचता हु हर शायरी पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
सभी तारीफ करते हैं,
मेरी शायरी की लेकिन।
कभी कोई सुनता नहीं,
मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ।
ख्वाहिश ये बेशक नही कि “तारीफ” हर कोई करे,
मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे।
ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को,
तेरी तारीफ लिखते लिखते।
की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन,
होने का गुमान ना हो जाये।
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं,
मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता।
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,
सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे।
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी।
मासूम सी सूरत तेरी,
दिल में उतर जाती है।
भूल जाऊं कैसे मैं तुझे,
तू मुझे हर जगह नजर आती है।
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,
तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है।
जब वो सँवर कर मेरे सामने आयें,
वो करोड़ो में सँवरी,,
और चिल्लर में हम तारीफ़ कर पायें।
ख्वाहिश नहीं तारीफ़ की किसी यार से,
मुझे तो इश्क़ हो गया, आज अपने श्रृंगार से।
खूबसूरती की तारीफ शायरी 4 लाइन
तारीफों से जी भरा सा है,
इक वो नहीं तो सब अधूरा सा है।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।
इफ़्तिख़ार नसीम
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है,
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है।
हैदर अली आतिश
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से,
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है।
आदिल फ़ारूक़ी
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत,
नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत।
हैदर अली आतिश
तेरे हुस्न को किसी परदे की जरूरत ही क्या है,
कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद।
ये बेपनाह हुस्न यूँ सादगी से शरमायें,
चिराग बुझा दो कही आन न लग जायें।
क्या हुस्न था… कि आँखों से देखा हजार बार,
फिर भी नजर को हसरत-ए-दीदार रह गयी।
इश्क़ को जब हुस्न से नजरें मिलाना आ गया,
खुद-ब-खुद घबरा के कदमों में जमाना आ गया।
असद भोपाली
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा,
जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे।
बशीर बद्र
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ,
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं।
परवीन शाकिर
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।
मुनव्वर राना
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी।
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में,
जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाएँ।
एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठा,
अपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठा।
पता नहीं वो मुझे चाहती है या नहीं,
बस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा।
अब कैसे उठेगी आँख हमारी किसी और की तरफ,
उसके हुस्न की एक झलक हमें पाबन्द बना गयी।
Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi For Whatsapp
असली खूबसूरती किसी की तारीफ की,
मोहताज नहीं होती,उसके लिये तो बस,,
आंखों की वाह वाही ही काफी होती है।
मेरा इश्क भी, तेरा हुस्न भी,गजलों में आके घुल गई,
मेरी शायरी की किताब तू,कभी खो गई, कभी मिल गई।
फूलों सा कोमल चेहरा तेरा, तू संगमरमर की मूरत है,
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ, तू इतनी खूबसूरत है।
खूबसूरत हैं आपकी आंखे और इनमें हया है,
बस इन्हीं की जादूगरी से तो मेरा दिल गया है।
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है,
दिल में बसाई है जो वो आपकी ही सूरत है।
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,
हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है।
ये आईने क्या देंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
मेरी आँखों से तो पूछ कर देख कितनी हसीन है तू।
डरता हूँ कहीं लग न जाए तेरे हुस्न को मेरी नज़र,
इस लिए अभी तक तुझे गौर से देखा ही नहीं।
मत मुस्कुराओ इतना,कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफऔर तुम्हें नजर लग जाएँ।
लगता है कि खुदा ने तुम्हें बड़ी खूबसूरती से बनाया है,
फूल, खुशबू, झील ये चांद इन सब का अक्स तुझमें समाया है।
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं।
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता।
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का,
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता।
हर वक्त गुल बनकर मुस्कान जिंदगी है,
मुस्कानाकर गम भूलाना जिंदगी है।
जीत कर मुस्कान तो क्या मुस्काने,
हार कर मुस्कान भी जिंदगी है।
राज दिल का दिल में छुपाते हैं वो,
सामने आते ही नज़र झुकते हैं वो।
बात करते नहीं, ये होती नहीं,
प्रति जेबी भी मिलते हैं वो।
किसी एक से करो प्यार इतना के,
किसी या से प्यार करने की गुंजाइश ना रहे।
वो मुस्कुरादे आपको देखकर एक बार,
तो जिन्दगी से फिर कोई ख़्वाब ना रहे।
खूबसूरती की तारीफ शायरी २ लाइन
मन में आप के हर बात रहेगी,
बस्ती छोटी है मगर आबाद रहीगी।
चाहे हम भूले ज़माने को,
मगर आपकी ये प्यारी सी हांसी हमेश याद रहेगी।
उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,
पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे।
ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,
काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे।
खुलते हैं मुझ पर राज के इस जहां के,
उस की हसीन आंखें में जब झटका हूं मैं।
यह मुस्कुराती हुई आँखें,
जिनमें रक्स करती है बहार।
शफक की, गुल की,
बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।
फिर ना कीजे मेरी गुस्ताख निगमों से गिला,
देखे आपने फिर प्यार से देखा मुझे।
उस घड़ी देखो उनका आलम,
नींद से जब हों बोझल आँखें।
कौन मेरी नजर में समाये,
देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
सौ सौ उम्मिदीन बंधती हैं, एक इक निगाह पर,
मुझे ना ऐसे प्यार से देखा करे कोई।
मुझसे जब भी मिलो नजरें उठाकर मिलो,
मुझे पसंद है अपनेआप को तुम्हारी आँखों में देखना।
क्या कशिश थी तुम्हारी आँखों मे,
तुझको देखा और तेरा हो गया।
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
मैं उमरा भर जिन्का ना दे शक जवाब,
वो एक नज़र में इतने सवाल कर गए।
बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
गा सकुन आपका नगमा वो साज़ कहां से लाऊं,
सुना सकुन कुछ आपको वो अंदाज कहां से लाऊं।
यूं तो चांदनी की तारिफ करना आसान है,
कर सकते हैं आपकी तारिफ वो अल्फाज कहां से लां।
चांद से हसीन है चांदनी,
चांदनी से हसीन है रात।
रात से हसीन है चांद,
और चांद से हसीन है आप।
सुंदरता की तारीफ के लिए शब्द
इस प्यार का अंदाज़ कुछ ऐसा है,
क्या बताये ये राज़ कैसा है।
कौन कहता है कि आप चाँद जैसे हो,
सच तो ये है कि खुद चाँद आप जैसा है।
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,
कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं।
उनकी बातों का अजी क्या कहिये,
अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।
तराशा है उनको बड़ी फ़ुर्सत से,
ज़ूलफें जो उनकी बादल की याद दिला दें।
नज़र भर देख ले जो वो किसी को,
किसी नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए।
तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है,
तुझे देखूं तो दिल धड़के ना देखूं तो बेचैन रहूँ।
क़ातिल तेरी अदाओं ने लूटा है,
मुझे तेरी जफाओं ने लूटा है।
शौंक नही था मुझे मर-मिटने का,
मुझे तो इन नशीली निगाहों ने लूटा है।
पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,
बस एक ही ख्याल दिल में आया है।
कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,
तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है।
तुम मेरी वो स्माइल हो,
जिस्से देख के घर वालों को,,
मुझ पर संदेह होता है।
चीन लो तुझे दुनिया से ये मेरे बस मिस नहीं,
मगर मेरे दिल से तुझे कोई निकला दे ये भी,,
किसी के बस की बात नहीं।
सजते दिल में तरने बहुत है,
जिंदगी जीने के बहुत बहुत है।
आप सदा मस्कुराते रहे,
आपकी मुस्कान के दीवाने बहुत है।
इलाही खैर हो उलझन पे उलझन बढ़ती जाती है,
न मेरा दम न उनके गेसुओं का खम निकलता है।
कयामत ही न हो जाये जो पर्दे से निकल आओ,
तुम्हारे मुँह छुपाने में तो ये आलम गुजरता है।
अंगड़ाई लेके अपना मुझ पर जो खुमार डाला,
काफ़िर की इस अदा ने बस मुझको मार डाला।
हजारों खूबसूरत पल आये और चले भी गए जिंदगी से,
एक आपका हाथ थाम कर पास बैठने का वो पल लाजवाब रहा।