Bina Galti Ki Saza Shayari: दोस्तों मैं आज आप लोगों के साथ साझा करने वाला हूं बिना गलती की सजा वाली शायरी स्टेटस कोट्स s.m.s. आदि का कलेक्शन जो कि आप लोगों को काफी पसंद आएगा।
बिना गलती की सजा यानी कि हमारी कोई भी गलती नहीं होती है फिर भी सामने वाला हम को उसी गलती की सजा देता है जो गलती हमने की ही नहीं या फिर प्यार करने की सजा या फिर किसी भी टाइप की सजा सजा तो आखिर सजा ही होती है।
तो इसी तरह की हमने बिना गलती की सजा वाली शायरियां स्टेटस कोट्स आदि का कलेक्शन करके रखा है जो कि आप लोगों को काफी पसंद आएगा और आपको दोबारा गूगल पर जाकर बिना गलती के सजा शायरी ऐसा सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्योंकि यहां पर हमने आप लोगों के लिए बहुत सारी शायरियां देखें रखी है और आपको किसी दूसरे ब्लॉग या फिर साइट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी मैं पूरी उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को वह शायरी स्टेटस कोट्स मिल जाएगा जो क्या ढूंढ रहे हो तो आप नीचे जाकर पढ़िए आपको मिल जाएंगे।
Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi With Images
ज़िंदा हु मगर ज़िंदगी से दूर हु मैं,
आज क्यों इस कदर मजबूर हूँ मैं।
बिना गलती की सजा मिलती है मुझे,
किस से कहूं की आखिर बेक़सूर हु मैं।
किस बात की सजा दे रहे हो,
प्यार किया इसलिए या,
तुमसे ज्यादा प्यार किया इसलिए।
गलतियों पर पर्दा तो बस खुदा डालता है,
वरना यहाँ तो लोग बिना गलती के भी सजा दे देते हैं।
मुझसे मोहब्बत करती, तो मेरी गलती माफ़ कर जाती,
एक छोटी सी बात पर, यूँ रिश्ता नहीं तोड़ जाती।
खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,
दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी।
इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,
इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।
कोई मिला ही नही जिससे वफ़ा करते ,
हर इक ने धोखा दिया किस-किस को सज़ा देते।
कोई तुम्हें देखकर मुस्कुरा दे तो उसे प्यार मत समझो,
किसी की छोटी-सी गलती पर, उसे गुनहगार मत समझो।
ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया,
मर जाए तो जीने की दुआ देती है दुनिया।
ना जिद है ना कोई गुरुर है हमें,
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमें।
इश्क गुनाह है तो गलती की हमने,
सजा जो भी हो मंजूर है हमें।
Bina Galti Ki Saza Status Images In Hindi
शहर में ज़िंदा रहने की सजा काट रहा हूं,
जहाँ जज्बातों की कोई कदर ही नहीं।
क्यूँ करते हो मुझसे,
इतनी ख़ामोश मुहब्बत।
लोग समझते है,
इस बदनसीब का कोई नहीँ।
बिना गलती की सजा भी,
किसी गलती की सजा से कम थोड़ी है।
मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,
बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,,
तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।
कैसे भूल जाऊं तेरा यह मासूम सा चेहरा,
इस चेहरे के आगे मुझे कुछ नज़र नहीं आया।
कितना प्यार है तुमसे दुनिया समझ गई,
बस एक तुझे ही समझ नहीं आया।।
आँखों ने तुमकों चाहा इतना जरुर है,
दिल को सजा मत देना ये बेकसूर हैं।
खुशमिजाजी मशहूर थी हमारी,
सादगी भी कमाल की थी।
हम शरारती भी इंतेहा के थे,
अब तन्हा भी बेमिसाल हैं।
जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम,
हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।
उनकी खामोशी ही मेरी सजा है,
जानबूझकर दर्द देना उनकी अदा है।
जीना चाहा तो ज़िंदगी से दूर थे हम,
मरना चाहा तो जीने से दूर थे हम।
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा,
बस कसूर इतना था की बेकसूर थे हम।
Bina Galti Ki Saza Shayari Image
आजकल तुम मुझे बेवजह नजरअंदाज करने लगे हो,
सच बताओ।
कोई गलती हुई मुझसे या किसी और,
से प्यार करने लगे हो।
ऐसी क्या गलती कर दी हमने की तुम खफा हो गए,
उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।
तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं,
पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।
सजा भी अब अदा बन गई है,
लगता है उनसे मोहब्बत हो गई है।
ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे,
जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे।
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सीख लेना गलतियों से, निराश मत होना,
बार-बार अपनी गलतियों को सोचकर उदास मत होना।
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,
पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
वहीं दूसरों की गलतियों को माफ़ करते हैं,
जो लोग अपना दिल हमेशा साफ़ रखते हैं।
औरों से थोड़ा अलग हूँ मैं,
इसलिए दिखता गलत हूँ मैं।
तुझे चाहना जैसे एक सजा है,
पर दुआ है कि मुझे इसमें उम्र कैद मिले।
बिना गलती की सजा शायरी image
सजा मिली उन गुनाहों की जो मेरे हरगिज न थे,
मैं वो आँसू भी रोया जो खान साहब के नसीब में न थे।
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,
मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।
चलो बाट लेते हैं अपनी सज़ाऐं,
ना तुम याद आओ ना हम याद आए।
बहुत दर्द देती है वो सजा,
इश्क़ में वफ़ा करने के बाद जो मिलती है।
माँ-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,
जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
हर किसी की यही कहानी है,
अपनी गलती ढूंढे नहीं मिलनी है,,
दूसरे की गलती यूँ हीं नजर आनी है।
गलतियों का हवाला देकर कोई भी,
किसी को भी छोड़ जाता है,
अब तो बेवफाई का यही अंदाज,
हर ओर नजर आता है।
दो लोग जब एक-दूसरे की गलतियों को माफ़ नहीं कर पाते हैं,
तो ऐसे कमजोर रिश्ते कुछ दिनों में टूटकर बिखर जाते हैं।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ।
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं।
हर इनायत हर खुशी आपकी हो,
महक उठे वो महफ़िल जिसमे हँसी आपकी हो।
कोई भी लम्हा आप उदास ना हो,
खुदा करे ज़न्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो।
बिना गलती की सजा स्टेटस
हम हैं कि क्या क्या सोचते हैं,
गलतऔरों के फेर में,
अफसोस कि खुद को भी,
औरों कीनज़र से देखते हैं।
मिट गए न जाने कितने ख़ुदा की तलाश में,
मगर अब तो हर तरफ हम,,
ख़ुदा ही ख़ुदा देखते हैं।
मैंने आजाद किया अपनी वफाओ से तुझे,
बेवफाई की सजा मुझको सुनाई जाए।
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर,
तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में सजा आखिर,
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,
वो तो मासूम है जीने की दुआ देता हैं।
सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,
तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।
लाइफ समझदारी का नाम नहीं उसमे,
गलतियां भी करनी भी जरुरी है।
क्युकी अक्सर गलतियों से अपनों की पहचान,
हो जाया करती है।
मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,
किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे।
यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,
अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,
मलाल इस बात का है।
गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो ही जाती है।
Bina Galti Ki Saza Shayari For Girlfriend
मांग भरने की सज़ा कुछ इस कदर पा राहा हूं,
उसकी मांग पूरी करते करते मांग मांग कर खा राहा हू।
हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते,
आख़िर गुनाहगार हूँ काफ़र नहीं हूँ मैं।
इश्क़ में जो मिलती है वो सज़ा ही कुछ और है,
कभी तन्हा रहके देखो तन्हाई का मज़ा ही कुछ और है।
कत्ल तुम्हारी नशीली आँखों ने किया,
सजा-ए-इश्क़ के जख़्म पर मरहम लगा रहा हूँ।
किसी ने पूछा,गुस्सा क्या है,
मेने कहा,,
किसी की गलती की सजा खुद को देना।
बहुत रुलाते हो ना,
तुम मुझे अपनी याद में।
गलती मेरी ही थी,
की माँगा था तुझे,
खुदा से अपनी फर्याद में।
सजा जो भी दोगी वो मंजूर होगी,
पर तेरी बेरुखी ना मंजूर होगी।
कुरेद कर जख्म को खुद को सजा देता हूँ,
जब दर्द कुछ कम रहता है दर्द को जगा देता हूँ।
इश्क में बड़े अदब से सजा दिया जाता है,
पहले बड़े प्यार से मिलने बुलाया जाता है।
फिर बहाना बना कर भुलाया जाता हैं,
फिर अपनी मजबूरियों को दिखाया जाता है।
इश्क में कभी कोई ऐसी खता न हो,
मिले तो बिछड़ने की सजा न हो।
बिना गलती की सजा शायरी इन हिंदी
माँ का दिल हर गलतियों को भुला देता हैं,
जब बच्चा प्यार से मुस्कुरा देता हैं।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
इक मुद्ददत के बाद, जब मैं ख़ुद ढूढ़ने निकला,
तब मैं अपनी गलतियों से मिलने लगा।
कब और कहाँ किसका दिल दुखाया,
यह अहसास होने लगा।
इंसान में गलतियाँ हरदम मिलती नहीं हैं,
मोहब्बत हो तो ये गलतियाँ दिखती नहीं हैं।
जब वो मुझे इक गलती की वजह से छोड़ गया,
तो ऐसा लगा जैसे सदियों से वो मेरी गलती की तलाश में था।
दिल पर लगी तेरी तस्वीर हटा दी है,
दर्द तो बहुत हुआ पर मैंने खुद को ये सजा दी है।
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,
नहीं हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सज़ाएं कैसी।
जब कभी गलतियाँ करो तो मान भी लिया करो,
क्योंकि गलती मान लेने से कोई छोटा नहीं होता।
जिसे दूर जाना हो, वो बस गलतियों का इंतजार करता है,
फिर एक से दूर जाकर, किसी दूसरे से प्यार करता है।
अगर मोहब्बत में हदें ना पार करता, तो मैं दर्द ना पाता,
तुमसे प्यार करना मेरी गलती थी, यह बात न जान पाता।
Bina Galti Ki Saza Shayari For Whatsapp Status
प्यार करते हो तुम या सजा देते हो,
जब हँसने का वक़्त होता है रुला देते हो।
तुम तो दुनिया से निराली ही सजा देते हो,
कितने चालाक हो क़ातिल दुआ देते हो।
मोहब्बत की अदालत में इन्साफ कहाँ होता है,
सजा उसी को मिलती है जो बेगुनाह होता हैं।
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भुला दो मुझको !
किसी की ज़िन्दगी किसी और गलती से बिखर जाती है,
हँसते मुस्कुराते चेहरे से हंसी छीन ली जाती है।
पूरा दिन गुज़र जाता है और पूछता है यह दिल,
बिना मेरी गलती की यह सजा केसी।
जितनी शिद्दद से तुम मेरी गलतियां याद रखते हो,
सुनो वक़्त निकल कर मेरी मोहब्बत याद कर लेना।
समाज में कुछ लोग खुद कठघरे में खड़े है,
और हमें हमारी गलती की सजा सुनाया करते है।
रिश्तो में तकरार ख़तम करनी पड़ती है,
कभी बिना गलती के गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है। – राहत इंदौरी
खुलकर दिल से मिलो तो सजा देते है लोग,
इश्क़ की छाँव में बैठे दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग।
बिना गलती की सजा शायरी hindi
लोगो भला इस शहर में कैसे जिएँगे हम जहाँ,
हो जुर्म तन्हा सोचना लेकिन सज़ा आवारगी।
मोहब्बत की मिसाल में, बस इतना ही कहूँगा,
बेमिसाल सज़ा है, किसी बेगुनाह के लिए।
कभी कभी बिना गलती के भी हम सॉरी बोल देते हैं,
ताकि तुम मुझसे नाराज ना हो जाओ।
माँ बाप ही हमारी सब गलतियों को भुला देते हैं,
ज़माने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
गुस्से और नासमझी में अक्सर इंसान कुछ ऐसा कुछ कर देता है,
जंहा वो गलत ना हो वंहा भी खुद को गलत कर लेता है।
आखिर देता मुझे ये केसी सजा भी तू है,
गलती भी तेरी खफा भी तू है।
सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी तूने,
पर कसूर क्या था मेरा ,ये नहीं बताया।
सजा-ए-इश्क़ में दर्द, यादें,
और तन्हाई मिली थी।
अकेले में बैठकर अक्सर सोचता हूँ,
कि मैंने क्यों मोहब्बत की थी।
जिस जान की खातिर जान क़ुर्बान की,
उस बेवफा ने क्या खूब सजा दी।
हम उस के शुक्र गुजार है कि उस ने,
कुछ पल के लिए हमें दिल में पनाह दी।
कुछ लोगो की मोहब्बत सजा सी होती है,
ज़ख़्म देकर मरहम लगाना उनकी अदा सी होती हैं।
Status बिना गलती की सजा शायरी
मैं अपनी जिंदगी को तबाह कर आई,
इश्क़ की और उम्र भर की सजा पाई।
जुदाई में दर्द सहने की सजा सीख ली,
तेरी मोहब्बत में हमने वफ़ा सीख ली।
खता हुई हो कोई तो सजा दिजिये,
और बस अपने इश्क़ से रिहा कीजिये।
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं,
और क्या जुर्म है पता ही नहीं।
रिश्ते अब शीशे की तरह हो गये हैं,
छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं,,
एक हीं गलती पर अब ये टूट जाते हैं।
मेरी गलती को अब तू माफ़ कर,
गले गलाकर फिर मुझसे प्यार कर।
गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,
छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
प्यार अगर गुनाह है, तो सजा हमें मंजूर है,
प्यार हीं मेरा आधार, प्यार हीं मेरा गुरुर है।
बड़ी सब्र से सहने की कोशिश कर रहा हु,
खुद से की गई गलतियों की सजा को।
ना ज़िद है ना कोई गुरुर है हमें,
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमें।
इश्क़ गुनाह है तो गलती की हमने,
सज़ा जो भी हो मंजूर है हमें।बिना गलती की सजा शायरी in english
दर्द तो तब हुआ जब उस गलती की सजा मिली हमें,
जो हमने कभी की ही नहीं।
ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,
जहां गलती नही थी हमारी,,
वहा भी आया हमारा नाम।
गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,
यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।
मुझसे खफा होना,पर दूर मत होना,
मुझे सजा देना पर छोड़ने को मजबूर मत होना।
इश्क़ कोई गुनाह नहीं होता,
फिर क्यों ये दिल है रोता।
ये कैसी मोहब्बत करने की सजा पाई है,
मेरे अंदर ये कैसी बेबसी और तन्हाई है।
इश्क़ वो खता है,
जो अपने आप हो जाती है।
गलती दिल करता है,
और सजा आँखों को दी जाती है।
मोहब्बत नशा है ये कैसी सजा है,
दिल के तड़पने का भी अपना मजा है।
इश्क में खता हो तो बेसक उसे सजा दो,
पर दिल पर पत्थर रखकर उसे बुला मत दो।
किसी के साथ गलत करके अपनी,
बारी का इंतज़ार जरूर करना।
चाहे कुछ भी हो जाये,
गुस्से में कभी भी गलत मत बोलना।
मुंड तो सही हो जाता है,
लेकिन बोली हुई बातें वापस नहीं आती।
सजा शायरी इन हिंदी
अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,
खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
किसी का कभी इतना भी दिल ना दुखाओ,
के खुदा के सामने वो तुम्हारा नाम लेके रो पड़े।
कई सपने ऐसे होते है, जो दीखते तो सुहाने है,
पर हक़ीक़त का राज़ होता है छुपा हुआ।
प्यार का जोश भी कुछ ऐसा ही है,
मंज़िल तो हसीं होती है, पर मुकाम दर्द भरा।
तुझे चाहना मेरी गलती थी,
और तेरी यादों में जीना मेरी सजा।
अपनी गलती की सजा सिर्फ माफ़ी नहीं।
हर रोज़ खुद में टूटना, क्या इतना काफी नहीं।।
कभी कभी बड़ा गलत कर देता हु,
बिन मांगे ही गलत कर देता हु।
लौटा जब वो बिना जुर्म की सजा काटकर,
सारे परिन्दें रिहा कर दिए उसने घर आकर।
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की,
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई।
कैदी तेरी जुल्फों का है आजाद जहां से,
मुझको रिहाई तो सजाओ ने दिलाई।
नज़र अंदाज़ करने की सजा देनी थी तुमको,
तुम्हारे दिल में उतर जाना ज़रूरी हो गया था।
गलती की सजा शायरी इन हिंदी
सब गुनाहो की सजा तुझको मेरा रब देगा,
तू भी मेरी तरह नाकाम-ए-मोहब्बत होगा।
जिंदगी तू ही बता तेरी रजा क्या है,
तू हर वक्त देती है सजा, तेरी वजह क्या है।
बिना कसूर के सजा क्यों देते हो,
मोहब्बत नहीं है तो बता क्यों नहीं देते हो।
वो जिंदगी मेरे लिए सजा होगी,
अगर तू मेरे साथ नहीं होगी।
मेरा गुनाह था जो मैंने उनसे प्यार किया,
सजा काट रहे है क्योंकि कभी इजहार नहीं किया।
अगर सजा दे चुके हो,
तो किसी से मेरा जिक्र मत करना।
अगर मैं बेगुनाह निकला तो,
तुम्हे जिदंगी भर अफ़सोस होगा।
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है,
कोई कहता है प्यार सजा बन जाता है।
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,
तो प्यार जीने की वजह बन जाता है।
तरस जाओगे एक दिन महफ़िल-ए-वफ़ा के लिए,
किसी से प्यार ना करना खुदा के लिए।
जब लगेगी इश्क़ की अदालत,
तुम ही चुने जाओगे सजा के लिए।
जिसमें बसी इश्क की बेकरारी है,
उसकी जिंदगी बड़ी भारी है।
मेरे आँखों में आज आँसू न होती,
कुछ गलतियों की माफ़ी नहीं होती।
काश ऐसी गलतियाँ मैंने की न होती,
तो जिंदगी भर किसी के इश्क़ में,,
जलने की सजा न होती।
रिश्तें निभाते-निभाते,
हम ख़ुद के ही गुनाहगार हो गए।
बिना खता के ही हम,
सजा के हकदार हो गए।
लोग कहते है मोहब्बत में,
क्यों सिर्फ लोग दगा देते है।
जरा नजदीक से देखों यारों,
वो खुद को सजा देते है।
नाराज होना, लड़ना-झगड़ना,
मगर भूल कर भी कभी खामोश मत हो जाना,,
क्योंकि इश्क में ख़ामोशी से बड़ी कोई सजा नहीं।
इश्क़ करने की सजा काट रहा हूँ,
मुझसे दूर रहना क्योंकि मैं दर्द बाँट रहा हूँ।
मैंने भी दुखाया है बहुत दिल कभी,
इसलिए मुझे इश्क़ में सजा मिली है अभी।
बिना गलती की सजा शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी
तो दोस्तों जो हमने आप लोगों को ऊपर प्रोवाइड करी है बिना गलती की सजा वाली शायरी कोट्स स्टेटस एस एम एस आदि का संपूर्ण भंडारण जो कि आप लोगों को काफी पसंद आया होगा यह हम आप लोगों से उम्मीद करते हैं।
अगर आप लोगों को यह शायरियों का कलेक्शन पसंद आया हो तो आप अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट जैसे कि फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम टि्वटर आदि पर पोस्ट कर सकते हो और आप स्टोरी के रूप में और स्टेटस के रूप में भी लगा सकते हो अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर।