तो दोस्तों मैं इस लेख में आप लोगों को Intezaar Shayari In Hindi दे रहा हूं जो कि आप लोगों को पूरा पढ़ना चाहिए क्योंकि यहां पर हम इंतजार पर शायरियों का कलेक्शन देख रहे हैं तो आप जरूर पढ़ें।

तो इस पूरे लेख में हम बात करेंगे मतलब कि आप लोगों को देंगे इंतजार शायरी का कलेक्शन अगर आप किसी का इंतजार कर रहे हैं तो आप इन शायरियां को जरूर पढ़ें क्योंकि यह शायरियां आपको बहुत ही ज्यादा तसल्ली देगी।
तो दोस्तों आप लोग इस लेख को पूरा पढ़ें ताकि आप लोगों को अच्छे से समझ में आ सके यह इंतजार शायरियों का कलेक्शन आप सभी शायरियों को पढ़ोगे तो आपकी मनपसंद की शायरी जरूर यहां पर मिल जाएगी तो एक बार जरूर पढ़े नीचे जाकर।
Intezaar Shayari In Hindi
अदब से कर रहा हूँ दिलबर तेरा इंतजार,
लौट आयेगा एक दिन अगर सच्चा होगा प्यार।

एक बार और देख कर आजाद कर दो मुझे,
मैं आज भी तेरी पहली नज़र में कैद हूँ।

हालात कह रहे है की अब मुलाक़ात नहीं होगी,
उम्मीद कह रही है। जरा इन्तेज़ार कर ले।

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,
उस ने सदियों की जुदाई दी है।

अब तो वो अपनी मर्जी से बात करते हैं,
और हम उनकी मर्जी का इंतजार करते हैं।

इंतजार करना हक है मेरा,
लोट कर आना जिम्मेदारी हैं तेरी।

एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।

इश्क़ से गुझरते हुए आरजूओं की जुंबिश में,
उम्र-ऐ- दराज़ कितनी भी हो क्या फरक पढता है।
वफ़ा का सलीका लिये उड़ते फिर रहे प्राण पखेरू,
और फिर अपनी हदों का लिहाज़ करना पढ़ता है।

जिद करने की आदत थी मुझे फिर,
खुदा ने मेरी सबसे कीमती चीज छीन,,
कर मुझे सबर करना सिखा दिया।

आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम,
जाते रहे हम जान से, आते ही रहे तुम।

Intezaar Shayari
खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा।

रात देर तक तेरी दहलीज़ पर बैठी रहीं आँखें,
खुद न आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता।

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की अब आदत हो गयी है।

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।

कभी कभी एक दिन का इंतज़ार,
सालों जैसा लगता है।

तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है।
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है।

कोई करता है मोहब्बत में इंतजार,
तो कोई इंतजार से ही मोहब्बत किये बैठा है।

इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है,
जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।

एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।

तुम से मिलना तो एक ख्वाब सा लगता है,
मैंने तुम्हारे इंतजार से मोहब्बत की है।

Shayari On Intezaar
कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का लुत्फ़,
कहीं कुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख मेंरा इंतिज़ार देख।
कर ले इंतजार तू मुझे पाने का ख्वाहिश तो वह करते हैं,
जिसमें जिगर नहीं किसी को पाने का।
चाँद की रोशनी सदेव नजरों में हो,
तारों की चमक हमेशा इंतज़ार में हो।
रात की गहराई बस एक सपना बन जाए,
ये आपकी ख़्वाहिश हर पल यहां हो।
कमियां है तो रहने दो,
खुद को खुदा थोड़ी बनाना है।
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पलकों पर रुका है समंदर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है।
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
एक मोहब्बत इन तन्हाइयों से हो गई है।
इंतज़ार तेरा कर लेते,
मगर तू आएगा ये यकीं न था।
किन लफ्जों में लिखूँ में अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।
मौत बख्शी है जिसने उस मोहब्बत की कसम,
अब भी करता हूँ इंतज़ार बैठकर मजार में।
2 Line Intezaar Shayari
ऐसा भी क्या जीना मेरा,
की पल पल तड़पता हूं मैं।
किसी की याद में किसी के इन्तजार मे,
रोज़ जीता रोज़ मरता हूँ मैं।
यादों से तुम्हारी हम बेइन्तहा प्यार करते हैं,
हर साँस हम तुम पर न्यौछार करते हैं।
कभी वक्त मिले तो हमें भी याद कर लेना,
हर रात हम तुम्हारी गुड नाईट का इंतजार करते हैं।
अब आदत बन गई है,
तेरा इंतज़ार करने की।
तेरी यादों के दीप जलाये बैठे हैं,
तेरे आने की आस लगाए बैठे हैं।
आसान नहीं तुम्हारा इश्क़ करना,
आसान नहीं किसी का इंतज़ार करना।
वफ़ा की राह है बढ़ी मुशकिल डगर,
एक बांकपन में जीना एक बांकपन में मरना।
तेरे इंतज़ार में दिन गुज़रे,
रातें ढली, हर सांस में बस तेरी याद चली।
कब तक यूँ तड़पाएगा मुझको,
आ भी जा, मेरी जिंदगी।
तेरे आने की क्या उमीद मगर,
कैसे कह दूं कि इंतिज़ार नहीं।
तू आए ना आए, पर मैं आज भी वहीं खड़ा हूं,
जहाँ तुझे आख़िरी बार देखा था, और पहली बार चाहा था।
इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।
वो करीब ही ना आये, तो इजहार ही क्या करते,
खुद बने निशाना तो हम शिकार ही क्या करते।
जान जा चुकी थी लेकिन आखें फिर भी खुली रही,
अब इससे ज्यादा तेरा, हम इंतजार क्या करते।
2 Lines Shayari On Intezar
तू भी कभी अपने होठों पर मेरा नाम रख के देख,
तू भी तो कभी मेरा इंतज़ार करके तो देख।
शनिवार की अटकी हुई जिंदगी में,
इतवार का इंतज़ार हो तुम।
कुछ देर लिपट कर रोया बहुत मैं खुदसे,
के इस नादान दिल ने पाने से ज्यादा खोया बहुत है।
बहुत खूबसूरत है तेरे इन्तजार का आलम,
बेकरार सी आँखों में इश्क़ बेहिसाब लिए बैठे हैं।
मौत पर भी है यकीन, उन पर भी ऐतबार है,
देखते है पहले कौन आता है, दोनों का इन्तज़ार है।
दुनियाँ के हर रंग फीके लगे तेरे इंतज़ार में,
अब तो हमने हर एक साँस बिछा दी तेरे ख्याल मे।
फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये।
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।
कोई करता है मोहब्बत में इंतजार तो,
कोई इंतजार से ही मोहब्बत किये बैठा है।
हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन,
उम्मीद कह रही है, थोड़ा इंतज़ार कर।
याद आएगी हर रोज तेरी, मगर तुझे आवाज ना देंगे,
लिखेंगे हर शायरी तेरे लिए पर तेरा नाम ना लेंगे।
Message Ka Intezar Shayari
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख।
पलकों पर रूका है समन्दर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का।
पलकों पर रुका है समंदर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का।
दो तरह के आशिक होते है,
एक हासिल करने वाले,,
और दूसरे इंतज़ार करने वाले ।
तेरे बिना भी तुझसे ही मोहब्बत करते हैं,
बेवफ़ा तू सही, पर तुझसे ही शिकायत करते हैं।
तू मुझे याद करे या ना करे तेरी मर्जी,
हम तो तुझे याद करते रहते है।
तुझे देखने को दिल तरशता रहता है,
और हम इंतजार करते रहते हैं।
तड़प के देख किसी की चाहत में,
तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है।
यूँ मिल जाए अगर कोई बिना ब्राह्मण के,
तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता है।
इश्क़ में इंतजार भी इबादत बन जाता है,
बस तेरा नाम ही तो है जो रूह को सुकून देता है।
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख।
हर आहट पर साँसें लेने लगता है,
इंतजार भी भला कभी मरता है।
इंतज़ार शायरी दर्द भरी
ओ जाने वाले आ कि तिरे इंतिज़ार में,
रस्ते को घर बनाए ज़माने गुज़र गए।
इंतज़ार की गति आपकी किसी चीज को,
चाहने की तीव्रता पर निर्भर करती है।
मुझको अब तुझसे मोहब्बत नहीं रही,
ऐ जिन्दगी! तेरी भी मुझे जरूरत नहीं रही।
बुझ गये अब उसके इंतजार के वो दीये,
कहीं आस-पास भी उसकी आहट नहीं रही।
हालात कह रहे हैं
मिल नहीं सकेंगे कभी।
उम्मीद कह रही है,
बस थोड़ा इंतज़ार और।
वो लम्हे जो बीत गया मलाल मे,
सारे आसु सुख गये रुमाल मे।
जो खुद पर यकीन दिलाते है,
वही छोड़ जाते हैं इन्तजार में।
उम्मीदें नहीं खत्म होती तेरे इंतज़ार में,
ज़िंदगी का हर लम्हा बेमिसाल होती है।
उसके हां की उम्मीद तो नहीं,
फिर भी उसका इंतज़ार किये जा रहे हैं।
तेरी हर एक बात याद आती है,
फिर तेरा इंतज़ार और बढ़ जाता है।
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है,
इन्कार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है।
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यूँ है।
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें,
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।