तो दोस्तों आज हम आप लोगों के साथ शेयर करने वाला है घर कोट्स इन हिंदी (Ghar Quotes In Hindi) का संपूर्ण कलेक्शन जो कि आप लोगों को काफी पसंद आएगा।
तो दोस्तों यहां पर हम आप लोगों को घर से लेकर कोट्स स्टेटस इमेजेस के साथ टेक्स्ट शायरी आगे का भंडार देने वाले है।
अगर आप ढूंढ रहे हो घर कोट्स इन हिंदी इसका मतलब यह है कि आपको अपने घर की याद आ रही है या फिर आप अपने घर को मिस कर रहे हैं यानी कि आप घर से दिए नहीं फिर भी आप अपने घर गांव घरवालों को याद कर रहे हैं इसलिए आप इस तरह के घर कोट्स इन हिंदी को ढूंढ रहे हैं।
आप कहीं से भी सर्च करके आए हो गूगल से इंस्टाग्राम से या फेसबुक से पर आप सही जगह पर आए हो आप जो घर कोट्स इन हिंदी ढूंढ रहे हो यहां आपकी पसंद का कोट्स जरूर मिल जाएगा।
आप नीचे जाकर पढ़िए आपको हमने बहुत सारे घर कोट्स इन हिंदी दिए हैं इसमें से कोई ना कोई तो आप को जरूर पसंद आएगा।
Ghar Quotes In Hindi Images
कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते,
किसी की आँख में रहकर संवर गए होते।
“बशीर बद्र”
दर-ब-दर ठोकरें खाईं तो ये मालूम हुआ,
घर किसे कहते हैं क्या चीज़ है बे-घर होना।
“सलीम अहमद”
पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है,
अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं।
“निदा फ़ाज़ली”
किस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से,
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा।
“निदा फ़ाज़ली”
जिस जगह इंसान राहत की सबसे गहरी सांस लेता है,
वह जगह उसकी घर होती है।
आज तुझसे मैं एक बात कहना चाहता हूँ,
अपने इस दिल में तुझको में एक छोटा सा घर देना चाहता हूँ।
घर किसी मंदिर से कम नहीं होता,
थकान को मिटाने के लिए इससे अच्छा स्थान और कोई नहीं होता।
घर जैसा सुकून और कहा मिलता है,
सच में सबको अपना घर स्वर्ग जैसा ही लगता है।
जिस घर में शांति का वाश होता है,
उस घर में ईश्वर का निवास होता है।
चिंता मत कर एक दिन तू भी मेरे घर का हिस्सा होगा,
और रिश्ते में तू मेरा पति होगा।
Ghar Parivar Quotes In Hindi
इंसान अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है घर बनाने में,
लेकिन चैन से 2 पल भी नहीं बैठ पाता अपने घर के आंगन में।
काश तेरा घर मेरे घर के पास होता है,
फिर हमारा हर रोज मिलना तय होता है।
जब बात पैसो की आ जाती है,
तब घर के बटवारे की नौबत आ जाती है।
जितना आसान जमीन पर एक घर खड़ा कर लेना हैं,
उतना ही मुश्किल किसी के दिल में अपने लिए घर बनाना है।
काश मेरा एक ख्वाब पूरा हो,
मेरे घर के आँगन में रोज तेरा आना जाना हो।
उस रात तेरी याद में इतना रोया,
की मेरे घर की दीवारे भी मुझे चुप होने को बोल उठी।
मेरा घर मेरे लिए एक मंदिर है,
उसमे रहने वाले मेरे माता-पिता मेरे ईश्वर।
घर से दूर रहने का दर्द ना पूछो क्या होता है,
तन भले कहीं और हो, लेकिन दिल वहीं होता है।
दूर रहने पर घर का खाना याद आता है,
खाने के वक्त माँ का बुलाना याद आता है।
एक दौर बीता तुम्हारे बिना, अब तो बता दो घर कब आओगे
अपनों के साथ तुम कब, प्यार भरा वक्त बिताओगे।
Apna Ghar Quotes In Hindi
नया घर कितना भी अच्छा हो,
पुराना घर यादों का खजाना होता है।
मानो या ना मानो घर की जिम्मेदारी हर किसी को बड़ा बना देती है,
शरारतें छीन लेती है, और सलीके से जीने का तरीका सिखा देती है।
त्योहारों ने घर वापसी का फरमान सुनाया है,
बड़े दिन बाद फिर मुझे अपनों ने बुलाया है।
जीवन के हर कदम पर घर के संस्कार काम आते हैं।
जिसे देखकर सुधबुध खो दिया मैंने,
क्या उसके घर का पता जानते हो।
वो हसीन, वो महजबीन कौन है,
क्या तुम उसे पहचानते हो।
घर जाने की ख़ुशी अलग हीं होती है,
घर जैसी जगह और कहीं नहीं होती है।
जो बेघर हैं उनसे पूछो सर्दी,
गर्मी और बरसात का परेशानियाँ।
जिनके पास ना सुविधा होती है,
और ना होती है कोई कहानियाँ।
घर और परिवार के बिना जिंदगी नीरस रह जाती है,
सिर्फ दौलत कहाँ किसी शख्स के काम आती है।
दूर रहना और घर को याद करना,
अभी तो यही है मेरा अफसाना।
भूले से भी ना तोड़ना किसी का घर कभी,
क्योंकि इस पाप की सजा जरुर मिलती है।
हर दिन शाम से पहले घर आना सिखाया था माँ ने,
इस तरह अच्छी आदतों के साथ जीना सिखाया था माँ ने।
काश मेरे घर तेरे घर के करीब होता,
तो मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब होता।
कुछ दिन के लिए तो दूसरों का घर भी अच्छा लगता है,
लेकिन सच कहूँ, तो अपना घर अपना हीं होता है।
जिनका घर नहीं होता,
वे बड़े बदनसीब होते हैं।
खुशियाँ रूठी रहती है,
बस गम उनके करीब होते हैं।
जिस घर के आंगन में बैठकर सुकून मिलता था,
बुजुर्गों की साहसी बातें सुन जुनून मिलता था।
ना जाने कहां खो गए वो घर वो घर के आंगन,
जहां हर शुभ काम से पहले शुगून मिलता था।
शहर की चौड़ी सड़कें,
गांव की पगडंडियों के आगे फीकी है।
शहर के ऊंचे मकानों की ऊंचाई,
गांव की झोपड़ियों के आगे फीकी है।
घर की जिम्मेदारी उठाने घर से निकला हूँ,
गांव का स्वर्ग छोड़कर भटकने शहर निकला हूँ
घर होते थे।
घर पर बुजुर्गों की छांव होती थी,
जब से शहरों में बिन आंगन के मकान बने है।
तब से खो गई है वो रौनक,
जो शाम होते ही गांव के आंगन में होती थी।
घर को घर ही रहने दो, घर को मकान मत होने दो,
खोकर शहरों की भीड़ में गांव को सुनसान मत होने दो।
प्रेम भाव रखो तो लौट आएंगे फिर वो दिन मेलजोल वाले,
दिल को दिल ही रहने दो, दिल को चट्टान मत होने दो।
गांव के घर की बात ही कुछ और है,
एक तरफ शाम सुहानी दूसरी तरफ़ ताज़गी भरी भोर है।
सचमुच स्वर्ग से कम नहीं गांव का घर,
जहां एक तरफ पंछियों की चहचहाहट।
दूसरी तरफ बचपन का शोर है,
काश लौट आता वो जो गांव में गुज़रा दौर है।
Ghar Par Quotes In Hindi
मां बाप के बिना घर घर नहीं लगता,
खाए पिए का असर नहीं लगता।
गांव की मुझे याद बहुत आती है,
एक पल भी मेरा दिल शहर नहीं लगता।
रिश्ते अब बेजान हो गए हैं,
घर अब मकान हो गए हैं।
पढ़ने चले गए हैं शहर सब बच्चे,
गांव अब सुनसान हो गए हैं।
छोड़कर स्वर्ग सा गांव का घर,
नादान शहर में मकान ढूंढ रहा है।
ठुकरा कर मां-बाप के प्यार को,
मंदिर मस्जिदों में भगवान ढूंढ रहा है।
जब मां होती थी,
तब मकान घर होता था।
मुसीबत हमारा बाल भी बांका नहीं कर पाती,
सचमुच मां की दुआओं में असर होता था।
हर ओर खुशियों की लहर होती है,
मेरी मां जब घर पर होती है।
घर से दूर तो रह लूंगा,
मगर मां से दूर रहूं कैसे ?
अजीब सी चुभन है इन शहर के मकानों में,
इस चुभन का दर्द मैं कहूं कैसे ?
घर और मकान में फ़र्क समझ लो,
घर को स्वर्ग मकान को नर्क समझ लो।
एक अजब सी रौनक छाई जाती है घर पर,
जब मां की आहट सुनाई देती है घर पर।
घर की अहमियत उन से पूछो,
जिनके ऊपर घर की छत नहीं।
क्या होती है परेशानियां उन से पूछो,
परेशानियों की जिनको राहत नहीं।
मेरा दिल खुशी से आज सातवें आसमान पर है,
क्योंकि मेरे कदम गांव के घर की ओर जा रहे हैं।
भागते दौड़ते शहर में भला आराम कहां है,
जो सुकून गांव के घर में है जनाब,,
वो सुकून शहर के मकान में कहां है।
पापा के साथ गांव के घर आया तो पता चला,
घर किसे कहते हैं,,
मैं तो शहर के मकानों को ही घर समझ बैठा था।
होगी लोगों को तलाश स्वर्ग की,
जिन्हें मां के चरणों की धूल नसीब नहीं,,
मेरा तो स्वर्ग मेरे घर पर ही है।
जिन्हें थी तलाश ख़ुदा की वो तीर्थ को चले गए,
हमने भी घर पर मां का चेहरा देखा,,
और ख़ुदा के साक्षात दर्शन पाकर हम धन्य हो गए।
कुछ नासमझ लोगों को,
घर की क़ीमत घर से बेघर होने पर ही पता चलती है।
अजीब लोग बसते हैं तेरी बनाई दुनिया में ए-खुदा,
जिन्हें घर नसीब नहीं वह घर तलाश रहे हैं।
और जिन्हें घर नसीब है वो घर के हिस्से चाहते हैं।
मानों ख़ुदा ने हमें पुकारा हो,
घर पर जब माँ आवाज़ लगाती है।
इंसान चाहता है कि उसे उड़ने को पर मिले,
परिंदा चाहता है कि उसे रहने को घर मिले।
दोस्ती कब और किस से हो जाएँ अंदाजा नहीं होता है,
दिल एक ऐसा घर है जिस में दरवाजा नहीं होता है।
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता,
बात करना न सही देखना तो नसीब होता।
थक चूका हूँ मेहमान की तरह घर आते-आते,
बेघर हो गये है हम चंद रूपये कमाते-कमाते।
उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है,
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।
कफ़ील आज़र अमरोहवी
पता अब तक नहीं बदला हमारा,
वही घर है वही क़िस्सा हमारा।
“अहमद मुश्ताक़”
मकाँ है क़ब्र जिसे लोग ख़ुद बनाते हैं,
मैं अपने घर में हूँ या मैं किसी मज़ार में हूँ।
“मुनीर नियाज़ी”
Ghar Wapsi Quotes In Hindi
गलतियाँ करने से मैं अब घबराने लगा हूँ,
जिम्मेदारियाँ घर की मैं जब से उठाने लगा हूँ।
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल,
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।
दूर है मस्जिद क्या चला जाएँ,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसा दिया जाएँ।
तोड़ दिए मैंने घर के आईने सभी,
प्यार में हारे हुए लोग मुझसे देखे नहीं जाते।
कभी दिमाग कभी दिल कभी नजर में रहो,
ये सब तुम्हारे ही घर है, किसी भी घर में रहो।
आज फिर घर में कैद हर हस्ती हो गई,
जिन्दगी महँगी और दौलत सस्ती हो गई।
आईना देख कर तसल्ली हुई,
हमको इस घर में जानता है कोई।
ऐ अंधेरे देख ले मुं तेरा काला हो गया,
मां ने आंखे खोल दी घर में उजाला हो गया।
किसी को घर मिला, हिस्से में या कोई दुकान आई,
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिसे में मां आई।
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है,
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम है।
तमाम रात मेरे घर को एक दर खुला रहा,
मैं राह देखती रही वो रास्ता बदल गया।
उस को रूखसत तो किया था मुझे मालूम न था,
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला।
लोग टूट जाते है एक घर बनाने में,
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में।
घर से निकलो तो पता चलता है,
जख्म उसका भी नया लगता है।
रास आ जाती है तन्हाई भी,
एक-दो रोज बुरा लगता है।
कितने जालिम है दुनिया वाले,
घर से निकलो तो पता चलता है।
रूठे हुए अपनों को मना लूँगा एक दिन,
दिल का घर फिर से बसा लूँगा एक दिन।
लगने लगे जहां से हर मंजर मेरा मुझे,
ख्वाबों का वो जहान बना लूँगा एक दिन।
अभी तो शुरूआत हुई है इस सफ़र की,
बेरंग जिंदगी में रंग सजा लूँगा एक दिन।
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है।
लगेगी आग तो आयेंगे घर कई जद में,
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।
अब नहीं लौट के आने वाला,
घर खुला छोड़ के जाने वाला।
ना जाने माँ क्या मिलाया करती है आटे में,
ये घर जैसी रोटियां और कहीं मिलती ही नहीं।
जब घर में अपने नहीं होते है,
तब घर में अकेलापन खाने को दौड़ता है।
पूरी जिंदगी भर की कमाई लग जाती है एक घर को बनाने में,
और कुछ लोग जरा भी तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।
जब घर की जिम्मेदरियाँ कंधो पर होती हैं,
तब हर मुश्किल से लड़ने में बहुत दिक्कत होती है।
चाहे गर्मी हो या सर्दी या छुपने के लिए चाहिए हो जगह,
घर ही काम आता है हर जगह।
किसी ने सच ही कहा है,
घर जैसा खाना मिलना और कही नसीब नहीं होता।
घर में खुशियां तभी आती है,
जब रिश्तो में और भी ज्यादा मिठास आती है।
जिस घर में माँ नहीं होती,
सच में उस घर में माँ लक्ष्मी कभी भी निवास नहीं करती।
Naya Ghar Quotes In Hindi
अगर बाप का साया घर पर नहीं होता,
तो वो घर जरा भी घर जैसा नहीं लगता।
जब भी घर से किसी काम को पूरा करने के लिए निकलता हूँ,
तब अपने माता-पिता का आशीर्वाद जरूर लेता हूँ।
उस घर को हम आज भी नहीं छोड़ पाए है,
क्योंकि उसमे तेरी यादो का बसेरा जो बसा हुआ है।
जिस घर की दीवारी कच्ची और रिश्ते मजबूत होते है,
उस घर के टूट जाने पर घर दोबारा बन सकता है।
लेकिन जिस घर की दीवारे पक्की लेकिन रिश्ते कच्चे होते है,
उस घर को टूटने में जरा भी देर नहीं लगती है।
उस घर की हर एक ईंट में खुशबू होती है,
जिस घर में माँ की यादे बसी होती है।
हर किसी के नसीब में सपनों का घर नहीं होता,
क्योंकि आसान जिंदगी का सफर नहीं होता।
घर की परेशानी में हीं गुजर जाती है उम्र,
क्योंकि अपनों से ज्यादा कहाँ होती है किसी की फ़िक्र।
हर किसी के दिल में घर के लिए खास जगह होती है,
घर के बिना कहाँ जीवन की कोई जंग फतह होती है।
क्यों औरत का घर मायका नहीं ससुराल होता है,
हर औरत के दिल में यही ख्याल होता है।
सबसे बदनसीब वह व्यक्ति होता है,
जिसे किसी दूसरे के घर में रहना पड़ता है।
जहाँ सभी लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं,
सच्चे अर्थों में वही घर है।
जिस घर के लोगों में आपसी संवाद की कमी हो,
उस घर में कलह होता रहता है।
बिना स्त्री के मकान घर नहीं बन पाता है।
बुजुर्गों के बिना घर भव्य हो सकता है,
लेकिन दिव्य नहीं।
हर किसी को अपने घर का वातावरण ऐसा बनाना चाहिए,
कि घर पहुँचते हीं व्यक्ति सारी चिंताओं से मुक्त हो जाये।
घर मिट्टी का हो या महल दोनों हीं प्यारा होता है।
जिस घर में एक मुखिया ना हो बल्कि कई लोग मुखिया हो जायें,
उस घर की बर्बादी निश्चित है।
मुझे अपने घर से निकाल रहे हो कैसे दिल से निकाल पाओगे,
हजारों लोगों से मिलोगे, तब भी कोई मुझ जैसा नहीं पाओगे।
उसका घर अब मेरा ठिकाना नहीं रहा,
कुछ लोगों के घर अब मेरा आना-जाना नहीं रहा।
हर घर में अनुशासन जरूरी होता है,
चाहे उसे कोई पसंद करे या नहीं करे।
घर के मुखिया को कभी-कभी परिवार के,
हित में अप्रिय फैसले लेने पड़ते हैं।
बाहर का खाना जीभ के लिए अच्छा होता है,
जबकि घर का खाना शरीर के लिए अच्छा होता है।
घर ना होता तो काम की थकान उतारते कहाँ,
दिन लोगों के साथ गुजरता, लेकिन रात गुजारते कहाँ।
घर भी इंसानों की तरह प्यार और सम्मान चाहता है।
वो मिट्टी का घर अब भी मुझे याद आता है,
वो दिन थे अनमोल यह बात याद दिलाता है।
Ek Ghar Quotes In Hindi
जब भी घर के हिस्से कीजिये, माँ-बाप को भी एक हिस्सा दीजिये,
वो नहीं हैं किसी और पर आश्रित, यह बात दुनिया को बता दीजिये।
एक घर बनाने में गुजर जाती है उम्र लोगों की,
और कुछ लोग हर दिन कोई घर तबाह कर देते हैं।
घर के दीवारों पर खुशबु माँ-बाप की रहती है,
उनके बिना कहाँ बसती औलादों की बस्ती है।
अपने माँ-बाप को उनके बनाये घर से मत निकालना कभी,
वो तुम पर बोझ हैं, यह गलतफहमी अपने दिल में ना पालना कभी।
जिसने घर बनाया ना उसे वृद्धाश्रम भेजना कभी,
माँ-बाप को बोझ समझ, ना उन्हें रुलाना कभी।
घर के चिराग से घर रोशन ना हो, तो भी गम कम हीं होता है,
लेकिन घर के चिराग से घर जल जाये, तो कम हर मरहम होता है।
ना स्त्री और ना पुरुष के बिना घर कभी पूरा होता है,
सोच अच्छी हो तो, कहाँ कोई ख्वाब अधूरा होता है।
जब वो घर मेरे आएगी, तो संग अपने खुशियाँ भी लाएगी,
मेरे सारे गम दूर करके, जीवन में खुशियाँ भर जाएगी।
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते,
इसलिए तो तुम्हे हम नजर नहीं आते।
खुला ना रख हर के लिए दिल का दरवाजा,
ये दिल एक घर है इसे बाजार मत बना।
बहुत आसान है जमीन पे घर खड़ा कर लेना,
जिन्दगी गुजर जाती है दिल में घर बनाने के लिए।
इतना न सवारों अपने जिस्म को,
इसे तो मिट्टी में मिल जाना है।
सवारना है तो अपनी रूह को सवारों,
जिसे परमात्मा के घर जाना है।
सूना-सूना सा मुझे घर लगता है,
माँ नहीं होती है तो बहुत डर लगता है।
वो शाख है न फूल, अगर तितलियाँ न हो,
वो घर भी कोई घर है जहाँ बच्चियाँ न हो।
तुम परिन्दें का दुःख नहीं समझे,
पेड़ पर घोंसला नहीं, घर था।
वापसी का कोई सवाल ही नहीं,
घर से निकला हूँ आँसुओ की तरह।
घर अंदर ही अंदर टूट जाते है,
मकान खड़े रहते है बेशर्मों की तरह।
घर के बाहर ढूँढ़ता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
कितना खौफ होता है शाम के अंधेरों में,
पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।
मुमकिन है हमें माँ-बाप भी पहचान न पायें,
बचपन में ही हम घर कमाने निकल आयें।
घर आ कर बहुत रोये माँ-बाप अकेले में,
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते नहीं थे मेले में।
सब का ख़ुशी से फ़ासला एक कदम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है।
जहां सजदा हो बुजुर्गों का,
वहाँ की तहजीब अच्छी है।
जहाँ लांघे न कोई मर्यादा,
उस घर की दहलीज अच्छी है।
बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है,
मौत से आँखे मिलाने की जरूरत क्या है।
सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल,
यूँ ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।
अपना गम ले कर कहीं और न जाया जाएँ,
घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाएँ।
Ghar Ki Quotes In Hindi
मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो’तबर कर दे,
मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे।
“इफ़्तिख़ार आरिफ़”
अजब अंदाज से ये घर गिरा है,
मिरा मलबा मिरे ऊपर गिरा है।
“आनीस मोईन”
ठक चूका हूं महमान की तरह घर आते-आते,
बेघर हो गए हैं हम चांद रूपये कामते-कामते।
खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है,
मैं वह कतरा हूँ समन्दर मेरे घर आता है।
अपने घर के लोग अगर दुश्मनी करें,
किस आसरे पे यारों बसर जिन्दगी करें।
वो कौन है दुनिया में जिसे गम नहीं होता,
किस घर में ख़ुशी होती है, मातम नहीं होता।
सोचते थे घर बनाकर,
सुकून से जिंदगी जियेंगे।
लेकिन क्या पता था इसी घर के लिए,
बच्चे आपस में लड़ने लगेंगे।
घर होने से बेघर होना अच्छा है,
जिस घर में प्रेम और शन्ति ना हो।
बेईमानी की कमाई कितना भी शानदार घर बना लो,
लेकिन उसमें भी तुम सुकून नहीं पा सकते हो।
अमीरों के इतने बड़े घर है,
कि कोई रहने वाला नहीं है।
गरीबों के इतने छोटे घर है,
कि किताब रखने की जगह नहीं है।
घर का हर एक सदस्य बुनियाद की ईट होता है,
किसी को कमजोर मत पड़ने देना वरना घर गिरने का खतरा बढ़ जाएगा।
ध्यान रखना घर में किसी स्त्री की आह ना निकले,
वरना वो घर जल्द ही तबाह हो जाता है।
जो कभी घर था,
वो आज मकान बनकर रह गया।
अपनों के साथ जिंदगी जीना था,
अब वो अरमान बनकर रह गया।
खुशियों को बेचकर चंद रोटी कमाता है,
गरीबों को छोटा मत समझों साहब,,
वह भी इक घर चलाता है।
अब मौत से भी मुझको नहीं लगता,
तुम साथ नहीं हो तो घर भी घर नहीं लगता।
छोटे-छोटे फैसलों से,
जीवन कितना बदल जाता है।
किसी का दिल टूट जाता है,
तो किसी का घर बस जाता है।
मकान ही बचा है, अंदर घर अब ढ़हने लगे है,
बच्चे दूर शहर में और माँ-बाप अकेले रहने लगे है।
ईमानदारी और मेहनत का रंग पक्का हो,
तो बड़ा सुकून मिलता है, भले घर कच्चा हो।
जरा छोटा कर के देखों अपना घर संसार,
सबकी अपनी जरूरत है सबका अपना प्यार।
उदासी दिल में अब घर करने लगी है,
जिस्म थक गया है पर रूह सफर करने लगी है।
निकल पड़ों घर से मंजिल की तलाश में,
या तो मंजिल मिलेगी या तो तजुर्बा मिलेगा।
एक शख्स बनाता है, दीवारों से घर,
औलादें बना देती है, घरों में दीवार।
इक ख्वाब था दिल में,
संग जिसके घर बसाने का।
कमी उसी शख्स की,
दिल में घर कर गयी।
आज दूर शहर के नए घर में,
न्य सामान लगा रहे है।
समझ नहीं आया घर से दूर हुए,
या नया घर बसा रहे हैं।
जमाना पूछता है मुझसे,
क्यों फिरता है दर-बदर।
कैसे कहूँ नफरतों की बस्ती में,
छप्पर का है मेरा घर।
हर किसी को अपने मकान से मोह होता है।
Nani Ka Ghar Quotes In Hindi
जिस मकान में कई साल बिता चुके हों,
उसे छोड़ना कभी आसान नहीं होता है।
मकान दूसरे शहर में है और कमाई दूसरे शहर में,
ऐसा लगता है शरीर यहाँ और दिल दूसरे शहर में।
हर कोई होता है अपने मकान का शाहजादा,
लेकिन जिम्मेदारियाँ पिसने को मजबूर कर देती हैं।
जो बेघर है वो सबसे बड़े बदनसीब हैं,
जिन्हें अपने मकान के बिस्तर भी ना नसीब हैं।
मेरे दिल को मकान समझकर ठहर जाओ कुछ दिन,
इसी बहाने मुझसे मिलने पास आओ कुछ दिन।
जिनके मकान मिट्टी के हों, बरसात उन्हें रुला देती है,
उन्हें उनकी गरीबी का, बार-बार एहसास दिला देती है।
आजकल के मकानों में आंगन नहीं होता,
जिस्म तो वहाँ रहता है, लेकिन पास मन नहीं होता।
दूसरों के घर इतना ना जाइये कि अपना घर पराया लगने लगे,
गैर अपने लगने लगें और अपने गैर लगने लगें।
चिड़िया हो या कोई और जीव,
हर किसी को मकान चाहिए होता है।
ईंट-ईंट जोड़कर बनाते हैं लोग मकान,
किसी घर में आग ना लगाया करो।
अब मकान में दिल नहीं लगता है मेरा,
हर शाम सुकून की तलाश में घर से निकल जाता हूँ।
कुछ बंदिशें जरूरी होती है मकान के घर बने रहने के लिए,
वरना कब घर…. घर नहीं रहा पता भी नहीं चलता।
ना बुलाइए हर किसी को अपने मकान,
क्योंकि ये घर है कोई धर्मशाला नहीं।
मकान चलाना अच्छे अच्छों को रुला देता है,
हकीकत और सपने का फर्क बता देता है।
मेरा घर अब पूछता है कि तुम कब आओगी,
सबको हँसी देकर कब तुम यहाँ मुस्कुराओगी।
कभी-कभी घर के किसी एक सदस्य से,
घर आबाद या बर्बाद हो जाता है।
माँ-बाप के किरदार को समझने लगा हूँ,
जब से मैं भी घर के लिए सोने-जगने लगा हूँ।
घर क्या होता है यह उस दिन जाना,
जब गुस्से में मैंने अपना घर छोड़ दिया।
घर की अहमियत उनसे पूछो जो खुले में काटते हैं हर मौसम,
तुम्हारा घर छोटा है, दूर हो जायेगा मन से यह भ्रम।
घर में कोई रूठ जाये तो मना लेना उसे,
क्योंकि अपने आखिर अपने होते हैं।
हमने मकान खरीद लिया तेरे मकान के करीब,
क्योंकि अब मुझे एक करना है तेरा-मेरा नसीब।
जिनके घर की मजबूत बुनियाद होती है,
उनकी हर मुश्किल में जीत होती है।
गरीबों के घर कोई तब तक नहीं आता,
जब तक वहाँ जाना मजबूरी ना हो।
किसी और के घर से अपने घर की,
तुलना कभी नहीं करनी चाहिए।
किसी और के घर के मामले में,
दखल देने की आदत नहीं होनी चाहिए।
Ghar Jamai Quotes In Hindi
कमाने की मजबूरी नहीं होती,
तो कोई घर से दूर नहीं रहता।
देखभाल ना करो,
तो घर भी रूठ जाता है।
घरवाले कितने भी बुरे लगें,
लेकिन हमारा भला हीं चाहते हैं।
मेरी भी तमन्ना है एक घर बनाने की,
ना जाने ये आरजू कब पूरी होगी।
हर लड़की के लिए उसके पति का घर हीं अपना घर होता है,
ये दस्तूर भी ना जाने क्यों होता है।
घर हो या समाज पैसा कमाने वाले को हीं इज्जत मिलती है।
घर वह स्थान होता है,
जहाँ हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
जिसकी उसके घर में इज्जत नहीं होती है,
घर के बाहर कहीं उनकी इज्जत नहीं होती है।
घर में बंदिशें होनी चाहिए,
लेकिन आवश्यक छूट भी मिलनी चाहिए।
मानो या ना मानो घर छोड़कर जाना,
कभी भी किसी समस्या का हल नहीं होता है।
जब से मोबाइल आया है,
अब घर में भी सब एक-दूसरे से दूर हीं रहते हैं।
कुछ लोगों को दूसरे के घरों में आग लगाने में हीं मजा आता है,
ऐसे लोगों से घनिष्ठता नहीं बढ़ानी चाहिए।
घर की जरूरतें और घरवालों की जरूरतें,
हर किसी का सुकून छीन लेती है।
जिस घर में बुरे लोगों को सम्मान मिलता हो,
उस घर में नहीं जाना चाहिए।
आपके जाने पर जिस घर के लोग खुश ना हों,
और ना उनकी आँखों में आपके लिए स्नेह दिखे।
उस घर में नहीं जाना चाहिए,
चाहे वहाँ सोने-चाँदी की बारिश हीं क्यों ना होती हो।
माता-पिता के नहीं रहने के बाद घर खाली हो जाता है।
जिसने मुझे अपना नहीं समझा,
वो मेरे घर को अपना कैसे समझती।
पक्षपात के लिए जगह मत छोड़िये,
ताकि आपके घर में दीवार खड़ी ना हो पाए।
घर के निकले एक उम्र बीती,
लेकिन उसे मंजिल नहीं मिली।
मेरे घर कोई ख़ुशी आती तो कैसे आती,
उम्र-भर साथ रहा दर्द महाजन की तरह।
“गोपालदास नीरज”
अब घर भी नहीं घर की तमन्ना भी नहीं है,
मुद्दत हुई सोचा था कि घर जाएँगे इक दिन।
“साक़ी फ़ारुक़ी”
अकेला उस को न छोड़ा जो घर से निकला वो,
हर इक बहाने से मैं उस सनम के साथ रहा।
“नज़ीर अकबराबादी”
भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया,
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला।
“अलीम मसरूर”
दोस्तों से मुलाक़ात की शाम है,
ये सज़ा काट कर अपने घर जाऊँगा।
“मज़हर इमाम”
घर की वहशत से लरज़ता हूँ मगर जाने क्यूँ,
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।
“इफ़्तिख़ार आरिफ़”
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