मेरे प्रिय दोस्तों हम आप लोगों को Nature Shayari In Hindi हिंदी का बहुत बड़ा कलेक्शन दे रहे हैं अगर आप ढूंढ रहे हो नेचर शायरी मतलब की प्रकृति पर शायरी तो आप सही जगह पर आए हो मुझे लगता है कि आप प्रकृति प्रेमी हो।

तो दोस्तों जो भी प्रकृति प्रेमी है वह इस ब्लॉग को पूरा पड़े क्योंकि यहां पर हम आप लोगों को बहुत सारी ऐसी शायरियां देने वाली है जो की बिल्कुल नेचर के ऊपर रहने वाली है तो आप लोग इस पूरे ब्लैक को पढ़ो और आपके यहां पर प्रकृति से रिलेटेड बहुत सारी शायरियां मिल जाएगी।
तो दोस्तों इस लेख में हम जो शायरियां आप लोगों को नेचर शायरी का कलेक्शन दे रहे हैं इसको आप पढ़ो और अगर आपको इसमें से कोई भी शायरी पसंद आती है तो आप इसका उपयोग कहीं पर भी कर सकते हो और आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भेजें शेयर कर सकते हो तो एक बार नीचे जाकर जरूर इन्हें पढ़ लीजिएगा।
Nature Shayari In Hindi
प्रकृति कहना चाहती है हमसे,
बचा है वक्त संभल जाओ अभी से।
बहुत हुआ दोहन और चली मनमर्जी,
नहीं सुधरे, तो फिर दिखेगी प्रकृति की सख्ती।

जब आप प्रकृति से सच्चा प्यार करते हैं,
तो आपको दुनिया की हर जगह खूबसूरत लगेगी।

बादलों के साये में पर्वतों की बाहों में,
राहतें यही बसती हैं झील की पनाहों में।

प्रकृति कभी अपनी दी हुई वस्तुओं का अहंकार नही करती,
लेकिन उपयोग करने पर सबक जरुर सिखाती है।

प्रकृति भी सिखाती है जीवन जीने की कला,
सुदृढ़ होकर भी वृक्ष देते हैं लताओं को पनाह।

फूलों से सीखीए सबके जीवन में रंग भरना,
पेड़ों से सीखीए ऊँचाइयों को छूना।
कलियों से सीखीए मुस्कुरा कर जीना,
काँटों से सीखीए कष्टों से उबरना।
पत्तों से सीखीए मस्ती में झूमते रहना,
टहनियों से सीखीए दूसरों को सहारा देना।

देखो जनाब प्रकृति का यह सुंदर सा नजारा है,
इन्ही में सपने और इन्ही में अपनो का नजारा है।

यूँ बैठ में सोचती रही कि अनजान जगहों पर घूमुंगी,
लेकिन पहचान के रस्तों ने आगे बढ़ने ना दिया।

हवा के झोकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,
तुम एक दरिया हो लहरों की तरह बहना सीखो।

फूलों से तुम हँसना सीखो,
भंवरों से तुम गाना।
दरखत की डाली से सीखों,
फल आये तो झुक जाना।

Nature Shayari
प्रकृति का सौंदर्य असीम है,
यह आत्मा को शांति,,
और मन को संतुलन प्रदान करता है।

कुछ ठहरा सा दिखता है,
कुछ गहरा सा दिखता है।
किसी पाक़ नज़र या कुदरत का,
यहाँ पहरा सा दिखता है।

जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर,
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की।

प्रकृति बहुत सुन्दत है और मेरे,
पसंदीदा हरे रंग से भरी पड़ी है।

जिन्दगी जीने का असली,
मजा प्रकृति के साथ हैं।

हर नई सुबह एक नई उम्मीद लाती है,
अपने हौसले को मजबूत रखो, जिंदगी एक दिन बदल जाती है।

कुछ तो बात है इन हवाओं में,
वरना साथ इन्हें पंछियों का ना मिलता।

तेरी मिट्टी में कुछ यूं घुलमिल जाऊं,
कि मैं भी तेरे गांव का एक दरख्त हो जाऊँ।

प्रकृति की गोद में सुकून मिलता है,
इसी से हम इंसानों का जीवन खिलता है।

अगर फुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना,
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़साना लिखता है।

इन शायरियों को भी पढ़ो >>>
Nature Lover Shayari In Hindi
कुछ तो बात है पहाड़ की हवाओं में,
तन के साथ साथ मन भी छू रही हैं।
उन दिनों जब इश्क रंग में डूबी हुयी थी ये समा,
खुश थे कितने तुम और मैं बारिश और ये ठंडी हवा।
हमें सुबह, शाम और रात निराली,
प्रकृति से ही अन्न, हवा और पानी।
प्रकृति को हमें बचाना है,
प्यार से उसे सवारना है।
प्रकृति के साथ कुछ समय बिताओ,
तुम खुद को पा लोगे।
कुदरत के करिश्मों में अगर रात ना होती,
ख़्वाबों में भी उनसे मुलाक़ात ना होती।
यह दिल हर ग़म की वजह है,
यह दिल ही न होता तो कोई बात न होती।
हज़ारों गुल, हज़ारों गुल – बदन तूने बना डाले,
कोई मिट्टी से ऐसे गुल खिला सकता है क्या कुदरत।
फिज़ा के रंग सभी अभी बरकार हैं,
जो पहुँच के पार है वहीं पर बहार है।
उगता हुआ सूरज देखा तो मन में इक सवाल आया,
मेरे पूछे गए सवालों का इक भी ना ज़वाब आया।
रब के घर तो कोई कमी नहीं है,
फिर मेरे हिस्से ही क्यूँ ग़मों का सैलाब आया।
जब भी कभी उदास होना तो निकल पड़ना,
कुदरत को देखने जितनी ये खूबसूरत हैं,,
आपको भी उतना ही खूबसूरत बना देगी।
जब तक आप तक नहीं पहुंच जाते,
तब तक किसी पर्वत की ऊंचाई को न मापें,,
तब आप देखेंगे कि यह कम थी।
खूबसूरत नजारा पर शायरी
ये पहाड़ दूर से कितने खुबसूरत दिखते है ना,
पर कभी नजदीक जाकर उनपर पड़े दरारों को महसूस किया है??
वह इस दुनिया में सबसे धनवान है,
जो कम से कम में भी संतुष्ट है,,
क्योंकि संतुष्टि ही प्रकृति की दौलत है।
दृढ़ निश्चय कर,
संचित जल कर।
नष्ट करो मत,
खेत, बाग, वन।
वृक्ष लगाओ,
रखो स्वच्छता।
महक उठेगा पर्यावरण ।।
फूलों की खुशबू जैसे दिल को छू जाए,
प्रकृति का हर रंग जीना सिखा जाए।
हजार बर्फ़ गिरे लाख आँधियाँ उन्हें,
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।
बहुत मजबूत होती है जड़े उनकी,
जो प्रकृति से जुड़ाव रखते हैं।
वे अभावों में नहीं जीते,
जो इससे खास लगाव रखते हैं।
पतझड़ के पत्तों ने कहा ना रौंदों हमें पांव में,
पिछली रुत में तुम भी बैठे थे हमारी ही छांव में।
नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं,
ज़रा सी बात है मुँह से निकल न जाए कहीं।
यहाँ प्रकृति की सभी चीजों में,
कुछ ना कुछ अद्भुत है।
सूरज की पहली किरण देखो धरती पे आई,
उठी चली अंगड़ाई लो सुबह हो गयी भाई।
देखो देखो बगिया में कलि खिलने को आई,
चारों तरफ सुन्दरता की लाली सी छाई।
प्रकृति पर शायरी दो लाइन
किसीको ज्ञान उतना ही दो,
जितना वो समझ सके क्योंकि।
बाल्टी भरने के बाद यदि नल बंद ना,
करो तो पानी व्यर्थ हो जाता है।
मानव ने अपनी खुशियों को मार दिया,
जब उसने कुल्हाड़ी से पेड़ काट दिया।
बड़ा सोचो, जल्दी सोचो आगे सोचो,
विचारों पर किसी का अधिकार नहीं है।
ये जो है फूल हथेली पे इसे फूल न जान,
मेरा दिल जिस्म से बाहर भी तो हो सकता है।
कुदरत का ये खेल भी ना जाने क्या कह जाता है,
हर पल हर समय अहसास नया सा दे जाता है।
आसमा की झोली से, अरमान नया सा लाया है,
आज ही हमें पता चला, जिंदगी ने खुलकर गाया है।
रंग, तो सभी अच्छे हैं।
कभी इंसानों के भी रंग देख लो,,
नज़रिया बदल जाएगा।
जब प्रकृति को कोई काम कराना होता है,
तो वो किसी प्रतिभा को जन्म दे देती है।
समय नदी की तरह है,
हम एक ही पानी को दुबारा छू नहीं सकते,,
क्योंकि धारा वह चुकी है लौट कर नही आयेगी।
ये ख़ूबसूरत पहाड़,
ये हसीन वादियां भी।
मेरी मां की गोद जैसे है,
इन्हें छोड़कर दूर जाने को जी ही नहीं करता।
यहाँ धूप क्या,
क्या सावन,,
बहारें भी बरसती है।
Nature Beauty Shayari
प्रकृति ईश्वर की सुंदर रचना है,
जिसे उन्होंने हमें एक अनमोल उपहार के,,
रूप में आशीर्वाद दिया है।
बागों में है फूल खिले, पेड़ो पर हरियाली छाई,
कितना सुन्दर मौसम है, लो फिर से है वसंत आई।
ठंडी-ठंडी हवा चल रही, कोमलता सी लायी,
गालियों में चौराहों में, फूलों की खुशबु छाई।
त्याग स्नेह से श्रेष्ठ है,
‘चरित्र सुंदरता से श्रेष्ठ है।
मानवता सम्पत्ति से श्रेष्ठ परन्तु,
परस्पर सम्बन्धों को जीवित रखने से,,
अधिक कुछ भी श्रेष्ठ नहीं।
इस बार इंतिज़ाम तो सर्दी का हो गया,
क्या हाल पेड़ कटते ही बस्ती का हो गया।
सूरज की पहली किरण जब, धरती को छू जाती है,
हर कण-कण में बसी, सजीवता की चमक बिखर जाती है।
प्रकृति का यह अनमोल उपहार, दिल को छू जाता है,
उसकी हर झलक में बस, प्रेम का एहसास मिल जाता है।
ये नदियां, ये झरने बड़े ही खूबसूरत हैं,
कुदरत तेरा बड़ा शुक्रिया।
जो दूर जा रहा हो,
उसका इंतज़ार नहीं किया जाता,,
उसे अलविदा कहा जाता है।
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते हैं,
क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता।
जब सफ़ेद चादर से लिपटी ये,
धरती और नीले से आसमान,,
तो दोनों लगते हैं एक सामान।
आप मानो या ना मानो पर,
जन्नत का दूसरा नाम ही गांव हैं,,
जहां पर दिल को सुकून मिलता है।
प्रकृति से आत्म-प्रेम का,
अनुभव करें।
बारिश की बूंदों में, बचपन की कहानी होती है,
भीगी भीगी यादों में, प्यार की निशानी होती है।
कुदरत को गहराई से देखो,
आपको सब कुछ साफ-साफ समझ आएगा।