तो दोस्तों आज हम आप लोगों के साथ शेयर करने वाले हैं हौसला पर शायरी इन हिंदी का संपूर्ण कलेक्शन जो कि आप लोगों को पसंद आएगा।
हौसला पर शायरी आप क्यों ढूंढ रहे हो इसका मतलब यह है कि आप अपने अंदर एक हौसला बढ़ाना चाहते हो या फिर आप एक टीचर हो तो अपने स्टूडेंट का हौसला बढ़ाना चाहते हैं या फिर यह भी हो सकता है कि आप एग्जाम रहना रहो और अपने जिम के स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाना चाहते हैं।
हौसला पर शायरी हौसला क्यों इतना जरूर है यह आप जानते हैं क्योंकि हौसले से कुछ भी किया जा सकता अगर इंसान के अंदर है या नहीं होता है तो वह इंसान कुछ काम का ही नहीं होता है क्योंकि मैं उस लेकर बिना कोई काम किया है नहीं जा सकता है इतने एनर्जी तरीके से नहीं किया जा सकता हैं।
आप कहीं से भी सर्च करके आए हो जैसे गूगल इंस्टाग्राम फेसबुक आदि से पर आप सही जगह पर आए हैं क्योंकि यहां पर हमने बहुत सारे ऐसे हौसला पर शायरी लिख कर रखी है जो कि आप लोगों को कोई ना कोई जरूर पसंद आएगी।
आप लोग नीचे जाकर पूरी की पूरी हौसला पर शायरी पढ़ लीजिएगा जिसमें से कोई ना कोई शायरी आपको जरूर पसंद आएगी आपकी पसंद की शायरी नीचे लिखी हुई है, आप जाकर नीचे पढ़िए है।
हौसला पर शायरी इमेजेस
जिनके हौसलों में सबसे ज्यादा दम होता है,
केवल वही अपनी जिंदगी को आगे चलकर बेहतर ढंग से जी पाता हैं।
हर मुश्किल से निपटना तेरे लिए आसान होगा,
अगर तेरे अंदर हौसलों से उड़ान भरने का हुनर होगा।
आगे मेहनत करने की आग तेरे अंदर होगी,
तो हौसलों में जान अपने आप पनपेगी।
हौसला रख सब ठीक होगा,
अपने लक्ष्य प्राप्ति की और बढ़ता,,
जा एक दिन तेरा भी नाम इस दुनिया में गूंजेंगा।
जिनके हौसले बुलंदियों को छू जाते है वो,
एक ना एक दिन अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा कर जाते है।
हौसलों से मिलता है सफलता का मुकाम,
आसान नहीं है इस दुनिया कमाना नाम।
गम तो है हर एक को,
मगर हौसला है जुदा जुदा।
कोई टूट कर बिखर गया,
कोई मुस्कुरा के चल दिया।
इस से बेहतर कर दिखायेंगे,
हौसले में कमी नहीं।
एक ख्वाब टूटा है,
पर कोशिशें थकी नहीं।
ये कह के दिल ने मेरे हौसले बढाये हैं,
गमों की धूप के आगे ख़ुशी के सायें हैं।
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला,
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा।
Hosla Shayari Hindi Images
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती है,
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती है।
हौसला मत हार गिर कर ऐ मुसाफ़िर,
ठोकरे इंसान को चलना सिखाती है।
हौसला बुलंद हो तो मुठ्ठी में हर काम है,
मुश्किलें और मुसीबते तो जिन्दगी में आम है।
आईन-ए-जवाँ-मर्दां हक़-गोई ओ बे-बाकी,
अल्लाह के शेरों को आती नहीं रूबाही।
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से,
वो और थे जो हार गए आसमान से।
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ,
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है।
गो आबले हैं पाँव में फिर भी ऐ रहरवो,
मंज़िल की जुस्तुजू है तो जारी रहे सफ़र।
जिन हौसलों से मेरा जुनूँ मुतमइन न था,
वो हौसले ज़माने के मेयार हो गए।
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं,
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं।
“जिगर मुरादाबादी”
हज़ार बर्फ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें,
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।
“साहिर लुधियानवी”
तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा,
तिरे सामने आसमाँ और भी हैं।
“अल्लामा इक़बाल”
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हौसले पर शायरी
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं,
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं।
“जिगर मुरादाबादी”
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।
“बिस्मिल अज़ीमाबादी”
हम परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे,
जो दिल पे गुज़रती है रक़म करते रहेंगे।
“फ़ैज़ अहमद फ़ैज़”
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर,
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में।
“अल्लामा इक़बाल”
लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को,
मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं।
“अकबर इलाहाबादी”
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल,
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया।
“जिगर मुरादाबादी”
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए।
“दुष्यंत कुमार”
देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार,
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख।
“मजरूह सुल्तानपुरी”
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन,
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है।
“आल-ए-अहमद सूरूर”
अभी से पाँव के छाले न देखो,
अभी यारो सफ़र की इब्तिदा है।
रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़े हैं,
ऐ जिन्दगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।
गैरों पर किया विश्वास हौसला तोड़ देता है,
ख़ुद पर किया विश्वास तो हौसला रिकार्ड तोड़ देता है।
डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर।
खुद-ब-खुद मेरे नजदीक आती गई,
मेरी मंजिल मेरा हौसला देखकर।
वो अक्सर कुछ न कुछ कर लेता है,
जो डर को बाहर फेंक अंदर हौंसला भर लेता है।
हर गम ने, हर सितम ने, नया हौसला दिया,
मुझको मिटाने वाले ने मुझको बना दिया।
मुसीबत से तू ज्यादा डर या खौफ ना रख,
तू जीतेगा ज़रूर एक दिन बस आज हौंसला रख।
अटल रह तू बस अपने फैसलों पर,
चलता रह मत रख नज़र फासलों पर।
मंज़िल मिलेगी ज़रूर तुझे,
तू बस टिका रह अपने हौसलों पर।
आसमान भी मुझसे नीचे उड़ेगा,
मेरे हौसलों में इतनी ताक़त है।
सच तेरा हर एक ख़्वाब होगा,
अगर हौंसला जो तेरा सेहलाब होगा।
देखूँगा नहीं मेरे आगे चाहे कठिनाई की लहर,
या फिर आग का दरिया होगा।
तैर कर पार कर लूँगा क्यूंकि,
ये हौंसला मेरा जरिया होगा।
हौसला बुलंद शायरी
चौंक जाएंगे मेरी उड़ान देख कर,
ऐसा मैं अपना जरिया बदल दूंगा।
जो मुझे नाकारा समझते हैं,
एक दिन मैं उन सब का नजरिया बदल दूंगा।
मैं वो परिंदा हूँ जिसका राज पूरे आसमान पर है,
एक छोटे घौंसले पर नहीं।
रख हौंसला तू बन्दे वक़्त तेरा आएगा,
खुद को तू कर ले काबिल खुदा मिल जाएगा।
अपने हौंसलों की आग ऐसी रखनी होगी,
की कामियाबी का लोहा पिघल जाए।
तू रख हौसला वो मंज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा।
थक कर न बैठ ये मंज़िल के मुसाफिर मंज़िल भी मिलेगा,
और मिलने का मज़ा भी आएगा।
मंजिल मिले ना मिले, ये तो मुकदर की बात है,
हम कोशिश भी ना करे, ये तो गलत बात है।
जिंदगी मैं कठिनाइयां मिलेगी यह तो आम बात हैं,
कठिनाई को पार कर कर उभरना ही खास बात हैं।
मंजिल उन्हीं को मिलती है,
जिनके सपनो में जान होती है।
पंख से कुछ नहीं होता,
हौसलों से उड़ान होती है।
ज़िन्दगी में कभी उदास मत होना,
कभी किसी बात पर निराश मत होना।
ये ज़िन्दगी एक संघर्ष है चलती ही रहेगी,
कभी अपने जीने का अंदाज़ मत खोना।
देख ले मंज़िल न बदली,
और न मेरा हौंसला।
जैसा चाहा था मैंने वैसा गुज़ारी,
ज़िन्दगी हां मगर तेरे बिना।
माना परिस्थितियों का अंधेरा घनघोर बहुत है,
पर मेरे हौसलों के आसमान का कद भी ऊंचा बहुत है।
कमाल का हौसला दिया खुदा ने हम इंसान को,
वाक़िफ़ हम अगले पल से नहीं होते,,
और वादे हम जन्मो के कर देते हैं।
परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन,
ये फैले हुए उनके पर बोलते है।
और वही लोग रहते है खामोश अक्सर,
ज़माने में जिनके हुनर बोलते है।
हौसला हमारे विचारों में होता है,
दोस्त, इसे कोई नहीं तोड़ता है।
सफलता से निराशा आती है,
पर तू खुद को प्रयास करने से क्यों रोकता है।
जिन्दगी काँटों का सफ़र हैं,
हौसला इसकी पहचान हैं।
रास्ते पर तो सभी चलते हैं,
जो रास्ते बनाये वही इंसान हैं।
लहरों को साहिल की दरकार नहीं होती,
हौसला बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती।
जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा,
उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती।
जब भी तुम्हारा हौसला आसमान तक जाएगा,
याद रखना कोई ना कोई पंख काटने जरूर आएगा।
हौसले के तरकस में,
कोशिश का वो तीर जिन्दा रखो।
हार जाओ चाहे जिन्दगी में सब कुछ,
लेकिन फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रखो।
मेरी मंजिल मेरे करीब हैं,
इसका मुझे एहसास हैं।
गुमाँ नहीं मुझे इरादों पर अपने,
ये मेरी सोच और हौसलों का विश्वास हैं।
वाकिफ़ कहाँ जमाना हमारी उड़ान से,
वो और थे जो हार गये आसमान से।
जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर,
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की।
“जमील मज़हरी”
Hausla Pe Shayari
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
“राहत इंदौरी”
नाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हें,
मर्द हैं वो जो ज़माने को बदल देते हैं।
“अकबर इलाहाबादी”
रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है,
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है।
“जलील आली”
ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से,
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं।
“मुईन अहसन जज़्बी”
जब तक तुम अपने हौसले को बरकरार रखोगे,
तब तक तुम अपने ख्वाबो को हकीकत में बदलने की ओर आगे बढ़ते रहोगे।
जिनका luck साथ नहीं देता,
उनका हौसला हर कदम पर उनका साथ देता है।
जिस शक्श के हौसले में सबसे ज्यादा जान होती है,
उसे हरा पाने में सामने वाली को काफी दिक्कत होती है।
जिंदगी में अगर तरक्की करनी है,
तो हौसले से दोस्ती सबसे पहले कर लेना।
जब भी कामियाबी पाने की राह पर चलो तो,
साथ में हौसले को भी ले चलना जरुरी वक्त में काम आएगा।
जब इंसान टूटकर बिखर जाता है,
तब उसका हौसला ही उसे फिर से समेटने में मदद करता है।
आज नहीं तो कल तुझे जीत जरूर मिलेगी,
बस अपने हौसलों को बरकार रख,,
एक दिन ये दुनिया भी तेरे आगे सिर झुकायेगी।
जो इंसान दूसरो से ज्यादा खुद पर यकीन रखता है,
उस इंसान का हौसला सातवे आसमान पर होता है।
आगे लोग बहुत मिलेंगे तुझे रोखने के लिए लेकिन उनकी एक मत सुनियो,
हौसला रखियो खुद पे और बस आगे बढ़ता चले जाइयो।
लोगो की नहीं सिर्फ खुद की सुनता जा,
तू बस मेहनत कर और हौसले की उड़ान भरता जा।
कितने भी दलदल हो जिन्दगी में पैर जमाए ही रखना,
चाहे हाथ खाली हो जिंदगी में लेकिन उसे उठाये ही रखना।
कौन कहता है छलनी में पानी रूक नहीं सकता,
अपना हौसला बर्फ जमने तक बनाये रखना।
जरूरत पड़ने पर चिड़िया भी बना लेती है घोंसला,
तू भी पा जायेगा अपना मुकाम मन में रख हौसला।
ख्व़ाब टूटे हैं मगर हौसले जिन्दा हैं,
हम वो है जहाँ मुश्किलें शर्मिंदा हैं।
हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते हैं,
हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं।
जब टूटने लगे हौसला तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्त-ओ-ताज नहीं होते।
ढूँढ लेना अँधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नहीं होते।
रिश्ते जताने लोग मेरे घर भी आयेंगे,
फल आये है तो पेड़ पर पत्थर भी आयेंगे।
जब चल पड़े हो सफर को तो फिर हौसला रखो,
सहरा कहीं, कहीं समन्दर भी आयेंगे।
Hosle Pe Shayari
डगर कठिन है जिन्दगी की तो क्या,
तेरा साथ मेरा हौसला बढ़ाता है।
लोग ताक में रहते है गिराने के वास्ते,
खुदा हौसला दे, कुछ कर दिखाने के वास्ते।
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता।
जी बहुत चाहता है सच बोले,
क्या करें हौसला नहीं होता।
इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा,
अँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है।
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो,
हौसले मुश्किलों में पलते हैं।
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है,
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है।
“शकील आज़मी”
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं,
मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है।
“अमीर क़ज़लबाश”
तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर,
सरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर।
“अमीर मीनाई”
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी,
डूबने वाले तिरे हाथ से साहिल तो गया।
“अब्दुल हमीद अदम”
जहाँ पहुँच के क़दम डगमगाए हैं सब के,
उसी मक़ाम से अब अपना रास्ता होगा।
“आबिद अदीब”
मैं आँधियों के पास तलाश-ए-सबा में हूँ,
तुम मुझ से पूछते हो मिरा हौसला है क्या।
“अदा जाफ़री”
शह-ज़ोर अपने ज़ोर में गिरता है मिस्ल-ए-बर्क़,
वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले।
“मिर्ज़ा अज़ीम बेग अज़ीम”
यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है,
हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है।
“मंज़ूर हाशमी”
सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का,
यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का।
“शहरयार”
जुनून, हौसला और पागलपन आज भी वही हैं,
मैंने जीने का तरीका बदला है तेवर नहीं।
तूफान में ताश का घर नहीं बनता,
रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता।
दुनिया को जीतने का हौसला रखो,
एक हार से कोई फ़क़ीर और,,
एक जीत से कोई सिकन्दर नही बनता।
न तकलीफ न ही संघर्ष तो ख़ाक मज़ा है जीने में,
थम जाते हैं बड़े बड़े तूफ़ान, जब आग लगी हो सीने में।
जरूरत पड़ने पर चिड़िया भी बना लेती है घोंसला,
तू भी पा जायेगा अपना मुकाम मन में रख हौसला।
मुश्किलें बहुत हैं रास्ते पर मैं जानता हूँ,
पर हौसलें मेरे बुलंद हैं यह भी मानता हूँ।
जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का,
फिर देखना फ़िजूल हैं कद आसमान का।
हौसला पर शायरी फोटो
आसानी से मिलते नहीं तमन्नाओं के शहर,
मंज़िल को पाने के लिए हौसला भी जरूरी है।
सच होते हैं उनके सपने, जिनके सपनों में जान होती है,
कुछ नहीं होता पँखो से, हौंसलो से उड़ान होती है।
राहें खुश्क हों कितनीं भी कदम मेरा हर चुस्त होगा,
नज़र कमज़ोर बेशक हो नज़रिया मेरा दुरुस्त होगा।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का,
मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।
कैसे कह दूँ कि थक गया हूँ मैं,
न जाने किस किस का हौसला हूँ मैं।
इबादत काम की कर तुझे खुदा मिलेगा,
सब जैसा मुकाम नहीं तुझे सबसे जुदा मिलेगा।
जिस दिन तू अपने हौसले को हासिल कर लेगा,
तू खुद को काबिल कर लेगा।
उम्मीद वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है,
अगर हौंसला हो तो हर मौज में किनारा है।
जब तू मेहनत के तराज़ू में हौंसला और यकीन रख लेगा,
यकीन मान तू उस दिन स्वाद-ऐ-जीत रख लेगा।
उड़ान हौंसला भरता रहा,
मैं पार हर मुश्किल का मंज़र करता रहा।
Hosla Shayari Status
हौंसले भी किसी हक़ीम से कम नहीं होते,
हर तकलीफ में ताक़त की दवा देते हैं।
तू कोशिश तो कर फिर से उड़ान भरने की,
अपने मरे हुए ख़्वाबों में जान भरने की।
तू बस हौंसला रख और मेहनत कर,
और ठान ले सारी दुनिया में अपना नाम करने की।
अगर लगन होगी कुछ कर दिखाने की दिल में अगन होगी,
तो हर मुश्किल जल कर राख हो जाएगी हर दिक्कत तेरी भसम होगी।
तोड़ दे ये ज़ंजीरें जो ज़माने ने लगाई है,
इन बंधे हाथों से तू कभी जी खोल कर जी नहीं पाएगा।
तुझमे कुछ बात होगी तभी तो सारी दुनिया में तेरी बात होगी,
कामियाबी का जूनून होगा तो मुश्किलों की क्या औकात होगी।
ख़्वाब सच हो जाएंगे जब तेरी मेहनत सच्ची होगी,
जब जान आ जाएगी हौसलों में तो मुसीबत की हर डोर कच्ची होगी।
जो हिम्मत हार जाओगे तो भला जीतोगे कैसे,
जो ज़िन्दगी को पढ़ना ही नहीं चाहोगे तो भला जीतोगे कैसे।
ज़रूर सुना होगा की ख़्वाबों ने किसी को सोने नहीं दिया,
पर कभी नहीं सुना होगा की अँधेरी रातों ने रोशन सवेरा होने नहीं दिया।
बस गिरा हुआ हूँ मरा नहीं हूँ मैं,
बस मुसीबतों से घिरा हुआ हूँ डरा नहीं हूँ मैं।
हौंसलो की आग धधक रही है निगाहों में,
अब मुश्किलों में इतना दम नहीं की हमे रोक दे राहों में।
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रख हौसले बुलंद तेरी भी,
उड़ान होगी, देखेगी दुनियाँ सारी,,
तेरी भी एक दिन ऐसी पहचान होगी।
जो सफर की शुरुआत करते हैं,
वो मंज़िल को पार करते हैं।
एक बार चलने का हौंसला तो रखो,
मुसाफिरों का तो रस्ते भी इंतज़ार करते हैं।
न पूछो के मेरी मंजिल कहा है,
अभी तो सफ़र का इरादा किया है।
न हारूंगा हौसला कभी भी,
ये मेने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
जरा सी गलतफहमी पर न,
छोडो किसी अपने का दामन।
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है,
किसी को अपना बनाने में।
मंजिलें उनको मिलती है,
जिनके सपनों में जान होती है।
सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता दोस्तों,
हौंसलों से उड़ान होती है।